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राष्ट्रपति ने राजस्थान के मूकाभिनय कलाकार विलास जानवे को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से किया सम्मानित

  • 24 Feb 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

23 फरवरी, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राजस्थान के वरिष्ठ रंगकर्मी विलास जानवे को वर्ष 2021 के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर देश के 128 कलाकारों को अकादमी पुरस्कार से नवाज़ा गया।

प्रमुख बिंदु 

  • पुरस्कार के रूप में विलास जानवे को ताम्र पत्र, एक लाख रुपए एवं अंगवस्त्र प्रदान किया गया।
  • उल्लेखनीय है कि 68 वर्षीय विलास जानवे पिछले पाँच दशकों से मूकाभिनय से जुड़े हैं। इन्हें संस्कृति मंत्रालय से मूकाभिनय के क्षेत्र में 2001 में सीनियर फेलोशिप भी मिल चुकी है।
  • मूकाभिनय में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वाले वे देश के पाँचवें कलाकार हैं। इससे पूर्वं यह पुरस्कार प. बंगाल के गुरु योगेश दत्ता, पद्मश्री निरंजन गोस्वामी, असम के मोइनुल हक और त्रिपुरा के सपन नंदी को मिल चुका है।
  • विदित है कि विलास जानवे ने 1998 से शुरू राष्ट्रीय मूकाभिनय उत्सवों में पत्नी किरण जानवे के साथ अपनी कला का प्रदर्शन करने के साथ ही गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान की कला अकादमियों और शैक्षणिक संस्थाओं के लिये मूकाभिनय की कार्यशालाएँ निर्देशित की हैं।
  • अपने गुरु पद्मश्री निरंजन गोस्वामी को मूकाभिनय की कार्यशालाओं में सहायता करने के साथ ही उन्होंने ऐतिहासिक एवं सामाजिक विषयों पर कई मूकाभिनयों की संरचना की है। देश के कई मंचों पर भी वे अपनी इस कला का प्रदर्शन कर चुके हैं।
  • उदयपुर के पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में 28 वर्ष तक कार्यक्रम अधिकारी रहे जानवे ने सी.सी.आर.टी क्षेत्रीय केंद्र उदयपुर में परामर्शदाता के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने सेंट्रल जेल, उदयपुर में मूकाभिनय का प्रशिक्षण भी दिया है।
  • विलास जानवे ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की नोबेल पुरस्कार रचना ‘गीतांजली’ की कविताओं पर भी मूकाभिनय कर नवाचार किया है।
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