‘राजस्थान लोकाभिव्यक्ति के आयाम’ (दी फोक डांसेज ऑफ राजस्थान) पुस्तक | 08 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
7 जुलाई, 2022 को राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक पन्नालाल मेघवाल ने अपनी पुस्तक ‘राजस्थान लोकाभिव्यक्ति के आयाम’ एवं उसका अंग्रेज़ी अनुवाद ‘दी फोक डांसेज ऑफ राजस्थान’ की प्रथम प्रति भेंट की।
प्रमुख बिंदु
- निदेशक पन्नालाल मेघवाल ने बताया कि ‘राजस्थान लोकाभिव्यक्ति के आयाम’ पुस्तक में राजस्थान के लोकनृत्यों, लोकगायन एवं लोकवादन की परंपरा के बारे में शोधपरक जानकारियाँ शामिल की गई हैं।
- इस पुस्तक में राजस्थान के तेरहताली, घूमर, चरी, कालबेलिया, चकरी, भवाई, जसनाथी, धाकड़, गींदड, वीर तेजाजी, कच्छी घोड़ी, कथौड़ी, भील, गरासिया, गैर, चंग, बम, ढोल एवं शूकर लोकनृत्य सम्मिलित हैं।
- पुस्तक में मांड, मांगणियार एवं लांगुरिया गायन, तुर्रा कलंगी, कुचामणि ख्याल एवं गवरी लोकनाट्य, सहरिया एवं टूंटिया स्वांग, बीकानेर की रम्मतें, राजस्थान की नट परंपरा, कठपुतली नृत्य कला एवं राजस्थान के लोक वाद्य यंत्रों का विषद विवेचन किया गया है।