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मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में 57वीं किस्त का ऑनलाईन अंतरण किया

  • 09 Dec 2022
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

8 दिसंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को योजना की 57वीं किस्त के रूप में 7 करोड़ 83 लाख रुपए का ऑनलाईन भुगतान किया।

प्रमुख बिंदु

  • इसके अंतर्गत 16 नवंबर से 30 नवंबर तक गौठानों में गोबर विक्रेता पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किये गए गोबर के एवज में उनके खाते में 4.62 करोड़ रुपए की राशि ऑन लाईन अंतरित की गई। इसी प्रकार गौठान समितियों को 1.28 करोड़ रुपए तथा महिला समूहों के खाते में 1.93 करोड़ रुपए की लाभांश राशि अंतरित की गई।
  • गोबर विक्रेताओं को भुगतान की गई 4.62 करोड़ रुपए की राशि में से 4270 स्वावलंबी गौठानों द्वारा 2.88 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया तथा कृषि विभाग द्वारा 1.74 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
  • पिछले पखवाड़े में गोबर खरीदी के लिये प्रदेश के स्वावलंबी गौठनों ने कृषि विभाग की तुलना में अधिक राशि का भुगतान किया है। स्वावलंबी गौठानों द्वारा अब तक अपने संसाधनों से 29.61 करोड़ रुपए की राशि से गोबर की खरीदी की गई है।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गौठानों द्वारा खुद की जमा पूंजी से गोबर खरीदना गोधन न्याय योजना की बड़ी सफलता है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के आधे से अधिक गौठान स्वयं के संसाधनों से गोबर की खरीदी कर रहे हैं। राज्य शासन को इन गौठानों को गोबर खरीदने के लिये राशि देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’में प्रदेश के युवाओं और महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। गौठानों में विकसित किये जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की गतिविधियों में युवाओं और महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। इससे युवाओं और महिलाओं को रोज़गार और आमदनी का अच्छा जरिया मिलेगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में किसान स्वयं पैरादान कर रहे हैं। पैरादान के लिये किसानों को और अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। जब गौठानों में पशुओं के लिये चारा और पानी की व्यवस्था होगी, तो पशु खेत और सड़कों के बजाय गौठानों में रहेंगे। उन्होंने प्रदेश के अधिक से अधिक गौठानों में पैरा के बंडल बनाने के लिये बेलर मशीन उपलब्ध कराने का प्रयास करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में ऐसे उत्पाद प्राथमिकता के आधार पर तैयार किये जाएँ, जिनकी शासन को ज़रूरत है या जिनकी मार्केट में अच्छी मांग है। उन्होंने कहा कि अच्छे उत्पादों को तैयार करने के लिये युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाए।
  • कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि प्रदेश में 11 हज़ार 252 गौठानों को स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 9 हज़ार 619 गौठान निर्मित किये गए हैं, इनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 8440 गौठान निर्मित किये गए हैं। इन गौठानों में से 4270 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं।
  • गोबर खरीदी, वर्मी कंपोस्ट के उत्पादन और वितरण का काम विभिन्न विभागों के समन्वय से किया जा रहा है। आने वाले समय में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन छत्तीसगढ़ में एक बड़ा अभियान बनेगा। उन्होंने कहा कि रीपा की गतिविधियाँ से युवाओं को जोड़कर और अधिक बढ़ाया जाएगा।
  • गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज़ तंबोली ने बताया कि गोबर खरीदी के एवज में गोधन न्याय योजना शुरू होने के बाद से अब तक 188.45 करोड़ रुपए तथा गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश की राशि के रूप में 170.05 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
  • उन्होंने बताया कि अब तक गौठानों में 19.82 लाख क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया गया है। इसमें से 16.24 लाख क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का विक्रय किया जा चुका है। गौठानों में अब तक पैरादान से 2.25 लाख क्विंटल पैरा मिला है।
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