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हरियाणा

मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण की दिशा में की कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ

  • 01 May 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

27 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंचकूला में अमृत जल क्रांति के अंतर्गत हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा आयोजित 2 दिवसीय जल संगोष्ठी के दूसरे दिन समापन सत्र अवसर पर जल संरक्षण की दिशा में कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ कीं।

प्रमुख बिंदु

  • जल संरक्षण की दिशा में महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ-
    • धान की सीधी बिजाई के तहत क्षेत्र में 275 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इसके अधीन 73,000 एकड़ क्षेत्र को बढ़ाकर लगभग 2 लाख एकड़ किया जाएगा। इससे 218 एम.सी.एम. पानी की बचत होगी। इसके लिये मशीनरी की उपलब्धता और सब्सिडी का प्रावधान किया जाएगा।
    • इसके अलावा, अगले दो वर्षों में 9500 से अधिक जल स्रोतों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इनमें 5308 तालाब, 63 चौक डैम, 81 उथले ट्यूबवैल और 4000 रिचार्ज बोरवेल शामिल हैं।
    • प्राकृतिक खेती के तहत 300 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि करके इसके अधीन 6,000 एकड़ क्षेत्र से 25 हजार एकड़ क्षेत्र को लाया जाएगा। इस प्रयास से न केवल पानी की बचत होगी बल्कि मृदा स्वास्थ्य में भी सुधार होगा।
    • राज्य सरकार ने खारे पानी वाले क्षेत्रों में 1 लाख एकड़ लवणीय भूमि का सुधार करने का लक्ष्य रखा है। इसकी प्राप्ति के लिये कार्य में तेजी लाने के लिये कृषि विभाग केंद्रीय लवणीय मृदा सुधार संस्थान के साथ मिलकर काम करेगा और अगले तीन महीनों में अपनी कार्य योजना को अंतिम रूप देगा। इस कार्य के लिये मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी। यदि सब्सिडी का प्रावधान करना होगा तो वह भी किया जाएगा।
    • विश्व बैंक ने अटल भूजल योजना का राज्य के 14 ज़िलों में विस्तार करने के लिये सैद्धांतिक मंज़ूरी प्रदान कर दी है।
    • पहले चरण में पंचवर्षीय योजना के तहत 700 करोड़ का बजट मिला था। दूसरे चरण में भी विश्व बैंक की ओर से लगभग 700 करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध करवाया जाएगा। इससे राज्य का जल भराव का 90 प्रतिशत क्षेत्र कवर हो जाएगा।
    • अगले दो वर्षों में कृषि क्षेत्र में पानी की 50 प्रतिशत मांग को एस.टी.पी. के ट्रीटेड वेस्ट वाटर द्वारा पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, कृषि की जरूरतों के लिये 75 एस.टी.पी. के पानी का उपयोग किया जाएगा।
    • इतना ही नहीं, अगले दो वर्षों में 31 एचएसआईआईडीसी संपदाओं में से 18 में उपचारित अपशिष्ट जल का शत-प्रतिशत पुन: उपयोग किया जाएगा। एसटीपी का 50 फीसदी ही पानी इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसको 100 फीसदी तक किया जाएगा।
    • पानी का उद्योग क्षेत्र में अधिक उपयोग करने के लिये राज्य सरकार ने एक विशेष योजना बनाई है, जिसके तहत आईएमटी सोहना, आईएमटी खरखौदा और ग्लोबल सिटी गुरुग्राम में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेड.एल.डी.) लागू करेंगे।
    • मत्स्यपालन के तहत क्षेत्र में वृद्धि की जाएगी। वर्तमान में 2500 एकड़ में मत्स्यपालन किया जा रहा है, जिसको बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
    • ऊर्जा विभाग अगले 3 महीनों में यमुनानगर, पानीपत, हिसार और झज्जर बिजली संयंत्रों में ट्रीटेड वेस्ट वाटर का पुन: उपयोग करने के लिये परियोजना की डी.पी.आर. तैयार करेगा।
    • आर्थिक व्यवहार्यता के अधीन बिजली संयंत्रों को ठंडा करने के लिये ट्रीटेड वेस्ट वाटर के उपयोग की संभावनाओं का भी पता लगाया जाएगा।
    • अगले दो वर्षों में विभिन्न योजनाओं के तहत 250 से अधिक शहरी तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। सभी लाइसेंसशुदा कॉलोनियों/एचएसवीपी सेक्टरों में माइक्रो एसटीपी और दोहरी पाइपलाइनों की स्थापना सुनिश्चित की जाएगी। ट्रीटेड वेस्ट वाटर का उपयोग सभी शहरी क्षेत्रों के पार्कों और हरित क्षेत्रों में किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि 26 अप्रैल को हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा अमृत जल क्रांति के अंतर्गत पंचकूला में आयोजित 2 दिवसीय जल संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया था।
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