मुख्यमंत्री ने किया तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का शुभारंभ | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मकर संक्रांति के अवसर पर बलरामपुर ज़िले के ऐतिहासिक तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 976 करोड़ 47 लाख के विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इनमें रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में 284 विकास कार्यों का शिलान्यास तथा 446 विकास कार्यों का लोकार्पण, सामरी विधानसभा क्षेत्र में 777 विकास कार्यों का शिलान्यास तथा 16 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में 46 विकास कार्यों का शिलान्यास व 138 विकास कार्यों का लोकार्पण शामिल है।
- इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान किये गए 20 घोषणाओं तथा 03 निर्देशों का शिलान्यास एवं सामरी विधानसभा क्षेत्र में विद्युत विभाग के दो कार्यों का लोकार्पण किया।
- महोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सामूहिक कन्या विवाह योजनांतर्गत 501 जोड़ों के विवाह समारोह में सम्मिलित हुए तथा नव दंपत्तियों को आशीर्वाद दिया।
- धार्मिक मान्यताओं व भूमिगत गर्म जल स्त्रोत के नाम से प्रसिद्ध तातापानी में प्रत्येक वर्ष की भाँति मकर संक्रांति पर्व पर वृहद् मेला लगता है। लोगों की श्रद्द्धा व आस्था का सम्मान करते हुए प्रतिवर्ष ज़िला प्रशासन के द्वारा तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
- उल्लेखनीय है कि अंबिकापुर-रामानुजगंज नेशनल हाईवे पर ज़िला मुख्यालय बलरामपुर से 12 किलोमीटर दूर तातापानी स्थित है। यहाँ 8 से 10 प्राकृतिक जल के गर्म कुंड हैं। इसके अलावा यहाँ एक विशाल शिव जी की प्रतिमा है। इसे ज़िला प्रशासन द्वारा बनवाया गया है।
- स्थानीय भाषा में ताता का अर्थ गर्म होता है। इसलिये इस जगह का नाम तातापानी पड़ गया। यहाँ स्थित गर्म जलकुंड से निकलने वाला पानी इतना गर्म होता है कि चावल, अंडे और आलू तक उबाल सकते हैं।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में सल्फर की मात्रा अधिक है। इसी वजह से यहाँ से निकलने वाला पानी गर्म होता है। ऐसी मान्यता है कि इन जल कुंडों में स्नान करने से अनेक चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
- तातापानी में मकर संक्रांति के अवसर पर पिछले 50 से अधिक वर्षों से हर वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता रहा है।
- बलरामपुर ज़िले के अस्तित्व में आने के बाद प्रशासन ने तातापानी मेला को महोत्सव का स्वरूप दिया है। वर्षों पुराने तातापानी के मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए कई फीट ऊँची शिव जी की प्रतिमा स्थापित की गई है। इसी के ठीक नीचे 12 ज्योतिर्लिंगों का स्वरूप प्रदर्शित किया गया है।