मुख्यमंत्री ने संत कवि पवन दीवान के नाम से राज्य अलंकरण पुरस्कार प्रदाय करने की घोषणा की | 04 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
3 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर में आयोजित ‘संत कवि पवन दीवान’श्रद्धांजलि सभा एवं सम्मान समारोह में संत कवि पवन दीवान के सम्मान में उनके नाम से कविता लेखन के क्षेत्र में राज्य अलंकरण पुरस्कार प्रदान करने की महत्त्वपूर्ण घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- संत कवि पवन दीवान के नाम से यह पुरस्कार आगामी राज्य अलंकरण समारोह से प्रतिवर्ष प्रदान किये जाएंगे।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर साहित्य तथा कविता लेखन के क्षेत्र में विशिष्ठ योगदान के लिये छत्तीसगढ़ के कवि तथा साहित्यकारों को सम्मानित भी किया।
- इनमें पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे को विप्रकुल गौरव शिखर सम्मान-2023 से नवाजा गया। इसी तरह अरूण कुमार निगम तथा काशीपुरी कुंदन को संत कवि पवन दीवान स्मृति अस्मिता सम्मान से पुरस्कृत किया गया।
- प्रत्येक को पुरस्कार स्वरूप 21-21 हज़ार रुपए की राशि और शॉल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।
- उन्होंने इस मौके पर विप्र योग पत्रिका तथा विप्र महाविद्यालय के मासिक बुलेटिन का विमोचन भी किया।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संत कवि पवन दीवान का छत्तीसगढ़ की माटी से गहरा लगाव था। उनकी कविता में बार-बार छत्तीसगढ़ के माटी का उल्लेख हुआ है। इनके लेखन में समाज के तत्कालीन दशा का बहुत ही सुंदर और सहज चित्रण मिलता है, जो हर वर्ग और हर समाज के लोगों की भावनाओं से जुड़ी होती थी।
- छत्तीसगढ़ के प्रयाग कहे जाने वाले राजिम (महानदी पैरी और सोदूर नदी का जीवंत संगम) के पास स्थिति किरवई गाँव में 1 जनवरी, 1945 को प्रतिष्ठित ब्राम्हण परिवार में संत कवि पवन दीवान का जन्म हुआ था।
- वर्ष 1975 में आपातकाल के बाद सन् 1977 में वे जनता पार्टी के टिकट पर राजिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेता श्यामाचरण शुक्ल (कॉन्ग्रेस पार्टी) को हराकर सबको चौंका दिया। वे अविभाजित मध्य प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार में जेल मंत्री रहे।
- इसके बाद वे कॉन्ग्रेस के साथ आ गए और फिर पृथक् राज्य छत्तीसगढ़ बनने तक कॉन्ग्रेस में रहे। पूर्व सरकार में गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष रहे।