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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश पुरातत्त्व निदेशालय की ‘एडाप्ट ए हेरिटेज योजना’ के दूसरे चरण में दस धरोहरों का चयन

  • 01 Dec 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

30 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश पुरातत्त्व निदेशालय की निदेशक रेनू द्विवेदी ने बताया कि राज्य में ‘एडाप्ट ए हेरिटेज योजना’के दूसरे चरण में 10 धरोहरों का चयन किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • रेनू द्विवेदी ने बताया कि ‘एडाप्ट ए हेरिटेज योजना’के दूसरे चरण में लखनऊ के आलमबाग भवन समेत पोतराकुंड (मथुरा), कल्पा देवी एवं आस्तिक बाबा मंदिर (सीतापुर), देवगढ़ की बौद्ध गुफाएँ (ललितपुर), राज मंदिर गुप्तार घाट (अयोध्या), लक्ष्मी मंदिर (झाँसी), टहरौली किला (झाँसी), बालाबेहट किला (ललितपुर), दिगारा गढ़ी (झाँसी) तथा शिव मंदिर (टिकैतराय बिठूर कानपुर) को शामिल किया गया है।
  • उन्होंने बताया कि स्मारक मित्र के साथ पाँच साल का मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) साइन किया जाएगा, जिसके तहत गोद लिये गए धरोहर पर काम कराना होगा। धरोहर को सहेजने के साथ ही वहाँ पर अस्थायी निर्माण व अन्य माध्यमों से स्मारक मित्र आमदनी भी कर सकेंगे।
  • राज्य सहायक पुरातत्त्व अधिकारी डॉ. राजीव त्रिवेदी ने बताया कि स्मारक मित्र द्वारा स्मारकों पर कराए जाने वाले काम तय किये गए हैं। स्थल पर संकेतक, पेयजल, बिजली, सीवरेज, जन सुविधाएँ, वाई-फाई, बेंच, कूड़ादान, प्रकाश, पहुँच मार्ग एवं पाथवे, कैफेटेरिया, दिव्यांग के लिये रैंप एवं व्हीलचेयर की व्यवस्था आदि काम कराने होंगे।
  • गोद लिये गए धरोहर पर स्मारक मित्रों द्वारा कराए जाने वाले कामों की निगरानी के लिये स्मारक समिति भी गठित की गई है, जो समय-समय पर निरीक्षण करेगी।
  • स्मारक मित्र गोद लिये गए धरोहर पर अनुरक्षण एवं परिरक्षण नहीं कर सकेंगे। यह काम पुरातात्त्विक मानकों के अनुरूप विभाग द्वारा ही कराया जाएगा। स्मारक मित्र अस्थायी निर्माण तो करा सकेंगे पर स्मारक पर किसी तरह का कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगा सकते।
  • रेनू द्विवेदी ने बताया कि राज्य पुरातत्त्व निदेशालय, पर्यटन विभाग और अन्य स्टेकहोल्डरों के सहयोग से स्मारकों एवं पुरास्थलों पर उच्च स्तरीय पर्यटन सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये धरोहरों को गोद लेने की योजना शुरू की गई थी। योजना के पहले चरण में प्रदेश के 11 स्मारकों एवं पुरास्थलों को गोद लेने के लिये चुना गया था। 
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