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राजस्थान

टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TTDF)

  • 25 Apr 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र सी-डॉट तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर ने "AI का उपयोग करके 5G और उससे आगे के नेटवर्क में स्वचालित सेवा प्रबंधन" के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

मुख्य बिंदु:

  • इस समझौते पर DoT के टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TTDF) के तहत हस्ताक्षर किये गए हैं, जिसे ग्रामीण एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों में किफायती ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवाओं को सक्षम करने के लिये प्रौद्योगिकी डिज़ाइन, विकास, दूरसंचार उत्पादों के व्यवसायीकरण तथा समाधान में कार्यरत घरेलू कंपनियों व संस्थानों को वित्त पोषण सहायता प्रदान करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • इसका मुख्‍य उद्देश्य 5G जैसे नेटवर्क में सृजित हो रही निरंतर जानकारी का उपयोग करके स्वचालित नेटवर्क प्रबंधन, गलती का पता लगाने और निदान तकनीकों के लिये AI ढाँचे को विकसित करना है।
  • यह सेवा स्मार्ट मीटरिंग, रिमोट से संचालित वाहनों आदि जैसे विशिष्ट एप्लिकेशन के संयोजन में विकसित स्वचालित नेटवर्क प्रबंधन तथा स्लाइसिंग तकनीकों के प्रदर्शन के लिये एक वास्तविक समय 5G और उससे आगे टेस्‍टबैड (O-RAN के अनुपालन में) स्थापित करेगी।

O-RAN

  • O-RAN एक तकनीक नहीं है, बल्कि मोबाइल नेटवर्क आर्किटेक्चर में एक निरंतर बदलाव है जो विभिन्न प्रकार के विक्रेताओं से उप-घटकों का उपयोग करके नेटवर्क बनाने की अनुमति देता है।
  • O-RAN एकल-विक्रेता स्वामित्व आर्किटेक्चर के विपरीत मोबाइल नेटवर्क को प्रसारित करने के लिये एक ओपन, बहु-विक्रेता आर्किटेक्चर प्रणाली है
  • O-RAN विभिन्न कंपनियों द्वारा निर्मित हार्डवेयर को एक साथ काम करने में सक्षम बनाने के लिये सॉफ्टवेयर का उपयोग करता है।
  • O-RAN की प्रमुख अवधारणा RAN में विभिन्न उप-घटकों (रेडियो, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर) के बीच प्रोटोकॉल एवं इंटरफेस को "खोलना" है
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