छत्तीसगढ़
स्वदेश दर्शन योजना: ट्राइबल टूरिज़्म सर्किट पहला फेज पूर्ण
- 26 Apr 2022
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चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत राज्य के वनांचल क्षेत्र में ‘ट्राइबल टूरिज्म सर्किट’ बनाने के प्रथम फेज का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसकी लागत 94 करोड़ 23 लाख रुपए है।
प्रमुख बिंदु
- योजना के तहत जशपुर-कुनकुरी-कमलेश्वरपुर-मैनपाट-महेशपुर-कुरदर-सरोधा दादर-गंगरेल-नथियानवागाँव-कोण्डागाँव- जगदलपुर-चित्रकोट-तीरथगढ़ को ‘ट्राइबल टूरिज़्म सर्किट’ बनाने के प्रथम फेस का कार्य पूर्ण हो चुका है।
- ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत ट्राइबल टूरिज़्म सर्किट के लिये चिह्नांकित जशपुर को एथनिक पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित किया गया है। वहीं कुनकुरी में मार्ग सुविधा केंद्र, कमलेश्वपुर में इको एथनिक डेस्टीनेशन, मैनपाट में इको एथनिक डेस्टीनेशन-पर्यटन सुविधाएँ, महेशपुर में मार्ग सुविधा केंद्र तथा कुरदर में इको टूरिस्ट डेस्टीनेशन के रूप में विकसित किया गया है।
- इसी प्रकार सरोधा दादर में एथनिक पर्यटन ग्राम, गंगरेल में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन, नथियानवागाँव में मार्ग सुविधा केंद्र, कोंडागाँव में एथनिक पर्यटक ग्राम, जगदलपुर में एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन (लामनी पार्क-कैफैटेरिया पार्किंग), चित्रकोट में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन और तीरथगढ़ में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन (नेचर ट्रेल, सीढ़ियाँ रेलिंग) के रूप में विकसित किया गया है।
- स्वदेश दर्शन योजना फेस-2 के अंतर्गत इको टूरिज़्म सर्किट की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इस सर्किट में चिल्फी घाटी, अचानकमार-अमरकंटक घाटी एवं हसदेव बांगों डैम के सीमावर्ती क्षेत्र को शामिल किया गया है। प्रस्तावित योजना की लागत 81 करोड़ 26 लाख रुपए है।