उत्तर प्रदेश
वाराणसी से प्रयागराज के बीच क्रूज संचालन के लिये सर्वे पूर्ण
- 24 Apr 2023
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चर्चा में क्यों?
23 अप्रैल, 2023 को भारतीय अंतर-देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के निदेशक एल.के. रजक ने बताया कि पीएम गति शक्ति योजना के तहत क्रूज सेवा के संचालन के लिये भारतीय अंतर-देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने वाराणसी-प्रयागराज के बीच सर्वे पूरा कर लिया है।
प्रमुख बिंदु
- एल.के. रजक ने बताया कि जुलाई में इसे शुरू करने की तैयारी है। ट्रायल सफल रहा तो इस रूट पर जलयान की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही मालवाहक जलयान के संचालन की भी योजना है।
- वाराणसी और प्रयागराज के बीच चलने वाला क्रूज सैलानियों को गंगा दर्शन के साथ ही पर्यटक स्थलों की भी सैर कराएगा।
- इस सर्वे में कई जगहों पर जल परिवहन की बाधाओं को चिह्नित किया गया है। इसके साथ ही चुनार, विंध्याचल, सीतामढ़ी सहित पर्यटन स्थलों पर जेटी का निर्माण भी कराया जाएगा। इस प्रयोग के सफल होने के बाद जलमार्ग प्राधिकरण क्रूज सेवाओं में बढ़ोतरी भी करेगा।
- धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये प्रयागराज और वाराणसी के बीच के सभी पर्यटक स्थलों को जोड़ते हुए जलमार्ग प्राधिकरण नया रूट तैयार करने में जुटा है। सुबह से लेकर शाम तक पूरी होने वाली एक तरफ की यात्रा को पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के जरिये संचालित करने की योजना है।
- इसके लिये कई निजी कंपनियों ने योजना में रुचि भी दिखाई है। इसमें निजी कंपनी के चयन के बाद किराया और अन्य सुविधाओं पर निर्णय लिया जाएगा। इसमें वाराणसी से चुनार, विंध्याचल, सीतामढ़ी और प्रयागराज में जेटी का निर्माण कर यहाँ ठहराव की व्यवस्था की जाएगी।
- इन स्थानों पर पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिये जलमार्ग प्राधिकरण स्थानीय प्रशासन से अपनी कार्ययोजना साझा करेगा। दरअसल, पीएम गति शक्ति योजना के तहत वाराणसी प्रयागराज के बीच नए क्रूज संचालन के जरिये चुनार का किला, माँ विंध्यवासिनी धाम और सीता समाहित स्थल तक पहुँचने के लिये गंगा घाटों का विकास भी किया जाएगा।
- पीएम गति शक्ति योजना के तहत वाराणसी को जलमार्ग का नया केंद्र बनाया जा रहा है। रामनगर मल्टीमॉडल टर्मिनल को सड़क मार्ग से जोड़ने की योजना है। वाराणसी से हल्दिया तक मालवाहक जलयान का संचालन पहले से ही किया जा रहा है। गंगा विलास क्रूज के जरिये दुनिया के सबसे लंबे नदी मार्ग से वाराणसी का जुड़ाव किया गया है। प्रयागराज तक क्रूज संचालन के जरिये वाराणसी को केंद्र के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है।