उत्तर प्रदेश
सूरजपुर आर्द्रभूमि
- 04 Feb 2025
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चर्चा में क्यों?
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सूरजपुर आर्द्रभूमि की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिये एक परियोजना विकसित की है।
मुख्य बिंदु
- प्रदूषित अपशिष्ट जल से खतरा:
- इस आर्द्रभूमि को अत्यधिक प्रदूषित अपशिष्ट जल के अंधाधुंध तरीके से इसके नालों में छोड़े जाने के कारण गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है, जिससे इसका पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में पड़ गया है।
- तकनीकी सहायता की आवश्यकता:
- प्राधिकरण के अनुसार, अनुसंधान संस्थान, गैर-सरकारी संगठन (NGO) और पर्यावरण विशेषज्ञ आर्द्रभूमि की सुरक्षा और पुनर्स्थापना के लिये तकनीकी सहायता प्रदान कर सकते हैं।
- पारिस्थितिक महत्त्व:
- औद्योगिक शहर ग्रेटर नोएडा के हृदय में स्थित सूरजपुर आर्द्रभूमि एक महत्त्वपूर्ण वन्यजीव आवास के रूप में कार्य करती है, जिससे इसका संरक्षण अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
- भौगोलिक विस्तार और विशेषताएँ:
- यह अभयारण्य 325 हेक्टेयर में फैला हुआ है, जिसमें 60 हेक्टेयर की प्राकृतिक झील भी शामिल है, जो नोएडा से लगभग 20 किमी. दूर दादरी-सूरजपुर-छलेरा (DSC) सड़क पर स्थित है।
- प्रवासी पक्षियों के लिये स्वर्ग:
- सर्दियों के मौसम में, यह आर्द्रभूमि विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करती है, जिससे इसका पारिस्थितिकी और पर्यावरणीय मूल्य बढ़ जाता है।
सूरजपुर आर्द्रभूमि
- स्थान और प्रशासनिक क्षेत्राधिकार:
- यह आर्द्रभूमि गौतमबुद्ध नगर ज़िले की दादरी तहसील के सूरजपुर गाँव के पास स्थित है।
- यह ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश के अधिकार क्षेत्र में आता है।
- यमुना बेसिन में शहरी आर्द्रभूमि:
- यह आर्द्रभूमि यमुना नदी बेसिन के भीतर शहरी आर्द्रभूमि का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- पारिस्थितिक महत्त्व और हरित आवरण:
- यह ग्रेटर नोएडा के लिये हरित फेफड़े के रूप में कार्य करता है, जो 308 हेक्टेयर जलग्रहण क्षेत्र को कवर करता है, जिसमें से 60 हेक्टेयर जलाशय के लिये समर्पित है।
- महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में मान्यता (IBA):
- पक्षी संरक्षण में इसके महत्त्व के कारण बर्डलाइफ इंटरनेशनल ने इस आर्द्रभूमि को एक महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (IBA) के रूप में वर्गीकृत किया है।
- जलपक्षियों के लिये प्रजनन एवं शीतकालीन आवास:
- यह आर्द्रभूमि स्पॉट-बिल्ड डक, लेसर-व्हिसलिंग डक, कॉटन पिग्मी गूज और कॉम्ब डक जैसे जलपक्षियों के लिये प्रजनन स्थल प्रदान करती है।
- यह रेड-क्रेस्टेड पोचर्ड, फेरुजिनस पोचर्ड, बार-हेडेड गूज़, ग्रेलैग गूज, कॉमन टील, नॉर्दर्न शॉवलर और गैडवॉल सहित शीतकालीन जलपक्षियों का भी आश्रय है।
- विविध वन्यजीव उपस्थिति:
- समृद्ध पक्षी संख्या के अलावा, यह आर्द्रभूमि छह स्तनपायी प्रजातियों का भी आवास है, जिनमें नीलगाय, भारतीय ग्रे नेवला, भारतीय खरगोश, सुनहरा सियार और पाँच धारी वाली गिलहरी शामिल हैं।
- पर्यावरणीय खतरे:
- इस आर्द्रभूमि को अत्यधिक प्रदूषित अपशिष्ट जल के अँधाधुंध बहाव के कारण गंभीर खतरों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे इसके पारिस्थितिकी तंत्र को खतरा उत्पन्न हो रहा है।