उत्तराखंड
चारधाम परियोजना को मिली सुप्रीम कोर्ट की अनुमति
- 15 Dec 2021
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चर्चा में क्यों?
- 14 दिसंबर, 2021 को केंद्र सरकार की महात्त्वाकांक्षी उत्तराखंड की चारधाम परियोजना को सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति दे दी।
प्रमुख बिंदु
- सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा की ज़रूरतों को देखते हुए उत्तराखंड में चारधाम परियोजना में चीन से लगने वाली सीमा को जोड़ने वाले सामरिक महत्त्व के 3 राष्ट्रीय राजमार्गों, यथा : ऋषिकेश से माना तक, ऋषिकेश से गंगोत्री तक और टनकपुर से पिथौरागढ़ तक, को दो-लेन विन्यास में विकसित करने की सशर्त अनुमति दी है।
- सुप्रीम कोर्ट ने ऑल वेदर राजमार्ग परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने और डबल लेन हाइवे बनाने के लिये केंद्र को अनुमति दी है। यह अनुमति मिलने के बाद चारधाम परियोजना के तहत भारत की चीन तक पहुँच और आसान हो जाएगी तथा किसी भी मौसम में भारतीय सेना चीन से सटी सीमाओं पर पहुँच सकेगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईवे निर्माण के लिये सड़क की चौड़ाई बढ़ाने में रक्षा मंत्रालय की कोई दुर्भावना नहीं है। अदालत सशस्त्र बलों की ढाँचागत ज़रूरतों का अनुमान नहीं लगा सकती है।
- सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सड़कों को डबल लेन तक चौड़ा करने की अनुमति के साथ ही परियोजना पर सीधे रिपोर्ट करने के लिये पूर्व न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी की अध्यक्षता में एक निरीक्षण समिति का गठन भी किया है।
- इस समिति के अध्यक्ष को कार्य में तकनीकी सहयोग देने के लिये नेशनल एनवायरनमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट (नीरी) का एक प्रतिनिधि होगा, जिसे निदेशक नामित करेंगे। इस समिति में देहरादून के फारेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट का भी एक प्रतिनिधि होगा, जिसे डायरेक्टर जनरल नामित करेंगे।
- कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार व सभी ज़िलाधिकारियों को आदेश दिया है कि वे निगरानी समिति को पूरा सहयोग करेंगे।
- केंद्र सरकार की चारधाम परियोजना का उद्देश्य यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है। लगभग 889 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की लागत 12 हज़ार करोड़ रुपए अनुमानित है। केंद्र सरकार ने अपनी याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि भारत-चीन वास्तवित नियंत्रण रेखा की ओर से जाने वाली सीमा सड़को के लिये यह फीडर सड़कें हैं।
- केंद्र सरकार परियोजना के तहत सड़कों की चौड़ाई 10 मीटर तक करना चाहती है। इसके लिये केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसके तहत कोर्ट से मांग की गई थी कि वह आठ सितंबर, 2020 को दिये अपने आदेश में संशोधन करे। इस आदेश के तहत सड़कों की चौड़ाई 5.5 मीटर तक सीमित करने का आदेश दिया गया था।