उत्तर प्रदेश में बनेंगे सुपर स्टेट हाईवे | 14 Jun 2023
चर्चा में क्यों
13 जून, 2023 को उत्तर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए सुपर स्टेट हाईवे (एसएसएच) बनाए जाएंगे। इसके लिये यूपी पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई के बीच शीघ्र ही एमओयू किये जाने की तैयारी है।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि वर्तमान में नई सड़कों को नेशनल हाईवे का दर्जा दिये जाने पर रोक है। इसलिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार एसएसएच विकसित करने का फैसला किया गया है। इसके लिये केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की भी सहमति मिल चुकी है।
- ये परियोजनाएँ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की मदद से निर्मित की जाएंगी। ट्रैफिक को देखते हुए इनकी कुल चौड़ाई 4-6 लेन होगी। सुपर स्टेट हाईवे पर टोल भी लिया जाएगा।
- इससे होने वाली आय का एक हिस्सा ग्रामीण मार्गों के विकास पर खर्च होगा। यानी, इस योजना के लागू होने पर ग्रामीण सड़कों के लिये भी पर्याप्त राशि उपलब्ध हो सकेगी। इस योजना में पहले चरण में 1000-1500 किमी. स्टेट हाईवे शामिल किये जाएंगे।
- पीडब्ल्यूडी विभागाध्यक्ष को निर्देश दिये गए हैं कि वे उन स्टेट हाईवे को चिह्नित करें, जिन्हें एसएसएच का दर्जा दिया जा सकता है। ट्रैफिक के लिहाज से इन सड़कों को दो श्रेणियों में बांटा जाएगा। एक, जहाँ पीसीयू (पैसेंजर कार यूनिट) 20-30 हज़ार के बीच है और दो, जहाँ पीसीयू 30 हज़ार से ज़्यादा है।
- राज्य सरकार ज़मीन उपलब्ध कराने के साथ ही यूटिलिटी शिफ्टिंग और सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने की ज़िम्मेदारी उठाएगी। वहीं एनएचएआई इन्हें हैम (हाईब्रिड एन्युटी मॉडल) या ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) मोड में निर्माण का इंतजाम करेगा। हैम मोड में कुल लागत का 40 फीसदी एनएचएआई देता है, जबकि ईपीसी में पूरी लागत एनएचएआई ही देता है।
- निर्माण के बाद 25 साल तक यह सड़क एनएचएआई के पास ही रहेगी और उसके बाद इसे उत्तर प्रदेश सरकार के लिये हैंडओवर कर दिया जाएगा। शुरुआती 25 साल एनएचएआई टोल वसूलेगा।
- एमओयू के अनुसार, जरूरी सेवा और वित्तीय चार्ज काटने के बाद जो राशि बचेगी, उसे यूपी पीडब्ल्यूडी के खाते में जमा किया जाएगा। इस राशि का इस्तेमाल केवल राज्य की ग्रामीण सड़कों के विकास पर हो सकेगा।
- गौरतलब है कि प्रदेश में पीडब्ल्यूडी का 276042 किमी. लंबा सड़क नेटवर्क है। इनमें 10901 किमी. स्टेट हाईवे, 6749 किमी. प्रमुख जिला मार्ग (एमडीआर), 54244 किमी. अन्य जिला मार्ग (ओडीआर) और 204148 किमी. ग्रामीण मार्ग हैं। एसएसएच व्यवस्था लागू होने से पीडब्ल्यूडी अपने संसाधनों से दो लाख किमी. से ज्यादा ग्रामीण मार्गों के लिये आवश्यक बजट का काफी हिस्से का इंतजाम कर सकेगी।