नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


उत्तर प्रदेश

हरित हाइड्रोजन परियोजना

  • 07 Mar 2024
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने अपनी पाँच-वर्षीय हरित हाइड्रोजन नीति को मंज़ूरी दी, जिसमें वर्ष 2028 के लक्ष्य के लिये पर्याप्त क्षमता को प्रोत्साहित करने हेतु सब्सिडी कार्यक्रम के लिये 50.4 बिलियन रुपए (608 मिलियन अमेरिकी डॉलर) निर्धारित किये गए हैं।

मुख्य बिंदु:

  • सफल होने पर, यह नीति भारत के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत वर्ष 2030 तक पाँच मिलियन टन वार्षिक उत्पादन तक पहुँचने के लक्ष्य का पाँचवाँ हिस्सा पूरा कर लेगी।
    • यह नीति निर्बाध जीवाश्म ईंधन का उपयोग करके बनाए गए ग्रे हाइड्रोजन को बदलने के लिये ज़्यादातर औद्योगिक प्रक्रियाओं जैसे रसायनों और तेल शोधन में मौजूदा मांग को लक्षित करेगी।
    • अब तक, हाइड्रोजन उत्पादन तकनीक गैस पर निर्भर रही है, जिसे ग्रे हाइड्रोजन के रूप में जाना जाता है। ग्रे हाइड्रोजन से ग्रीन हाइड्रोजन में परिवर्तन के लिये अब एक महत्त्वपूर्ण प्रयास चल रहा है।
  • यह नीति वर्ष 2028 तक अगले चार वर्षों के भीतर सालाना दस लाख मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य की रूपरेखा तैयार करती है।
  • जिन उत्पादकों को फास्ट-ट्रैक पर्यावरण अनुमति/परमिटिंग दी जाएगी, वे इंट्रास्टेट ग्रिड का उपयोग करने से जुड़े ट्रांसमिशन शुल्क पर पूर्ण छूट के साथ-साथ विद्युत कर (दस वर्षों के लिये) और स्टांप शुल्क से भी पूर्ण छूट के पात्र होंगे।
  • फास्ट ट्रैक परमिटिंग में बेहतर पर्यावरण नीतियों और प्रक्रियाओं का एक सेट शामिल है जो पूरे राष्ट्रमंडल में विकास तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
  • राज्य सरकार, राज्य में हरित हाइड्रोजन परियोजनाएँ स्थापित करने वाले राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों को प्रति वर्ष एक रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से भूमि पट्टे पर देने का भी प्रस्ताव कर रही है।
  • निजी नवीकरणीय हाइड्रोजन निवेशक प्रति वर्ष 15,000 रुपए (USD 181) प्रति एकड़ की भूमि पट्टा दर के लिये पात्र होंगे।

हाइड्रोजन

  • स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन विकल्प के लिये हाइड्रोजन पृथ्वी पर सबसे प्रचुर तत्त्वों में से एक है।
  • हाइड्रोजन का प्रकार उसके बनने की प्रक्रिया पर निर्भर करता है:
    • ग्रीन हाइड्रोजन अक्षय ऊर्जा (जैसे- सौर, पवन) का उपयोग करके जल के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा निर्मित होता है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम होता है
      • इसके तहत विद्युत द्वारा जल (H2O) को हाइड्रोजन (H) और ऑक्सीजन (O2) में विभाजित किया जाता है।
      • उपोत्पाद: जल, जलवाष्प।
    • ब्राउन हाइड्रोजन का उत्पादन कोयले का उपयोग करके किया जाता है जहाँ उत्सर्जन को वायुमंडल में निष्कासित किया जाता है।
    • ग्रे हाइड्रोजन (Grey Hydrogen) प्राकृतिक गैस से उत्पन्न होता है जहाँ संबंधित उत्सर्जन को वायुमंडल में निष्कासित किया जाता है।
    • ब्लू हाइड्रोजन (Blue Hydrogen) प्राकृतिक गैस से उत्पन्न होती है, जहाँ कार्बन कैप्चर और स्टोरेज का उपयोग करके उत्सर्जन को कैप्चर किया जाता है।
  • उपयोग:
    • हाइड्रोजन एक ऊर्जा वाहक है, न कि स्रोत और यह ऊर्जा की अधिक मात्रा को वितरित या संग्रहीत कर सकता है।
    • इसका उपयोग फ्यूल सेल में विद्युत या ऊर्जा और ऊष्मा उत्पन्न करने के लिये किया जा सकता है।
      • वर्तमान में पेट्रोलियम शोधन और उर्वरक उत्पादन में हाइड्रोजन का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है, जबकि परिवहन एवं अन्य उपयोगिताएँ इसके लिये उभरते बाज़ार हैं।
    • हाइड्रोजन और ईंधन सेल वितरित या संयुक्त ताप तथा शक्ति सहित विविध अनुप्रयोगों में उपयोग के लिये ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं; अतिरिक्त उर्जा; अक्षय ऊर्जा के भंडारण एवं इसे सक्षम करने के लिये सिस्टम; पोर्टेबल विद्युत आदि।
    • इनकी उच्च दक्षता और शून्य या लगभग शून्य-उत्सर्जन संचालन के कारण हाइड्रोजन एवं फ्यूल सेलों जैसे कई अनुप्रयोगों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने की क्षमता है। 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow