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उत्तराखंड

उत्तराखंड में बनेगा सख्त नकलरोधी कानून

  • 26 Jul 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2022 को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि आयोग ने नए नकलरोधी कानून का प्रस्ताव पास कर दिया है। राजस्थान और एसएससी के नकलरोधी कानून का अध्ययन करने के बाद आयोग इसका ड्राफ्ट शासन को भेजेगा।

प्रमुख बिंदु 

  • स्नातकस्तरीय परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण के बीच उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा सख्त नकलरोधी कानून बनाया जा रहा है। यह कानून इसी साल फरवरी में आए राजस्थान के नकलरोधी कानून की तर्ज़ पर सख्त होगा।
  • अभी तक पेपर लीक का कोई भी मामला प्रकाश में आने के बाद उत्तराखंड के नकलरोधी कानून के तहत आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420, 120 बी या हाईटेक नकल होने पर आईटी एक्ट में ही मुकदमे दर्ज़ होते हैं।
  • राजस्थान के नकलरोधी कानून की तर्ज़ पर नकल गिरोह के सदस्यों पर दस लाख से दस करोड़ रुपए तक जुर्माना हो सकेगा। इसके अलावा उनकी संपत्ति भी कुर्क की जा सकेगी। साथ ही, नकल का अपराध साबित होने पर पांच से दस साल की सज़ा का भी प्रावधान किया जाएगा।
  • अगर कोई छात्र/उम्मीदवार किसी नकल गिरोह से पेपर खरीदने का दोषी पाया जाता है तो उस पर एक लाख रुपए जुर्माने के साथ ही तीन साल तक की सज़ा भी हो सकेगी। अगर छात्र/उम्मीदवार उस नकल गिरोह का सदस्य पाया गया तो गिरोह के हिसाब से ही उस पर कार्रवाई की जाएगी।
  • आयोग की ओर से नकल रोकने के लिये यह भी नया प्रावधान किया जा रहा है कि यदि कोई छात्र/उम्मीदवार नकल करते पकड़ा जाता है तो वह दो साल तक किसी भी तरह की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेगा।
  • राजस्थान की तर्ज़ पर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में पेपर लीक या नकल को संज्ञेय और गैर- जमानती अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। नकल और पेपर लीक की जाँच एडिशनल एसपी स्तर का अफसर ही कर सकेगा। नकल रोकने के लिये जाँच एजेंसी में एंटी चीटिंग सेल भी बनाई जा सकती है।
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