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उत्तर प्रदेश

डायरिया रोको अभियान

  • 29 Jun 2024
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग 1 जुलाई, 2024 को डायरिया रोको’ अभियान शुरू करने जा रहा है।

प्रमुख बिंदु:

  • वर्षा ऋतु में दूषित जल के जमा होने से वायरल, बैक्टीरियल और परजीवी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • ऐसी स्थिति में बच्चों को डायरिया हो सकता है जिससे निर्जलीकरण (Dehydration) की समस्या बढ़ जाती है। यह बीमारी संदूषित भोजन और जल के माध्यम से फैलती है।
  • आशा कार्यकर्त्ता घर-घर जाकर डायरिया से पीड़ित बच्चों के परिवारों को ORS घोल बनाने की विधि सिखाएंगी
  • वे ORS और ज़िंक के उपयोग के लाभों के साथ-साथ साफ-सफाई और स्वच्छता के बारे में भी जानकारी देंगे।
  • शहरी मलिन बस्तियों, दूर-दराज़ के क्षेत्रों, खानाबदोशों, निर्माण कार्य में लगे मज़दूरों के परिवारों और ईंट भट्टों पर रहने वाले परिवारों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

डायरिया रोग

  • डायरिया को प्रतिदिन तीन या अधिक बार पतला या तरल मल त्यागने (या किसी व्यक्ति के लिये सामान्य से अधिक बार मल त्यागने) के रूप में परिभाषित किया जाता है।
  • डायरिया से उत्पन्न सबसे गंभीर खतरा निर्जलीकरण (Dehydration) है।
    • डायरिया के दौरान, जल और इलेक्ट्रोलाइट्स (सोडियम, क्लोराइड, पोटेशियम और बाइकार्बोनेट) तरल मल, उल्टी, पसीने, मूत्र तथा श्वास के माध्यम से नष्ट हो जाते हैं।
    • जब इन क्षतियों की पूर्ति नहीं की जाती तो निर्जलीकरण हो जाता है।
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