प्रदेश में 264 करोड़ रुपए से सुधरेगी 64 पुलों की सेहत : एचपीसी की बैठक में मिली मंजूरी | 10 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
9 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में क्षतिग्रस्त और उम्र पूरी कर चुके पुलों की सेहत सुधारी जाएगी या उन्हें बदला जाएगा। इसी संबंध में विश्व बैंक वित्त पोषित यू-प्रीपेयर परियोजना के तहत ऐसे 64 पुलों के लिये शासन ने 264 करोड़ 69 लाख 52 हज़ार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है।
प्रमुख बिंदु
- इसके अलावा, लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने शासन को 74 पुलों के लिये 622.18 करोड़ रुपए (अनुमानित लागत) का एस्टीमेट सौंपा है।
- विदित है कि राज्य में आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण के तहत प्रदेश सरकार कई मोर्चों पर काम कर रही है। इसके लिये विश्व बैंक की मदद से पहले फेज में उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट (यूडीआरपी) के तहत कई कामों को पूरा किया जा चुका है और कुछ परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जबकि दूसरे फेज में यू-प्रीपेयर प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
- इसी के तहत पुलों की सेहत सुधारने का यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसमें उन पुलों को भी शामिल किया गया है, जिन्हें दिसंबर 2022 में शासन की ओर से कराए गए सेफ्टी ऑडिट में खतरनाक घोषित कर दिया गया था।
- विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना को अगले पाँच साल में पूरा किया जाना है।
- ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों राज्य के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) ने उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट (यूडीआरपी) को हरी झंडी दे दी थी।
- परियोजना के तहत क्षतिग्रस्त पुलों का सुधार, नए पुलों का निर्माण और मिसिंग लिंक ब्रिज का निर्माण किया जाना है। आपदा में टूट गए पुलों को परियोजना में प्राथमिकता में लिया गया है।
- प्रदेश में विश्व बैंक वित्त पोषित यू-प्रीपेयर परियोजना के तहत एचपीसी की ओर से फिलहाल 64 पुलों के लिये वित्तीय स्वीकृति मिली है। विभाग ने 74 पुलों के लिये अनुमानित खर्च की राशि का ब्योरा सौंपा है। जैसे-जैसे टेंडर की प्रक्रिया पूरी होगी, पुलों के सुधार का काम शुरू कराते जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2022 में शासन के निर्देश पर कराए गए सेफ्टी ऑडिट में 36 पुल असुरक्षित पाए गए थे। उस दौरान पाँच ज़ोन के 3262 का सेफ्टी ऑडिट कराया गया था। इसके अंतर्गत जिन पुलों में तकनीकी तौर पर सुधार किया जा सकता है, उन्हें ठीक कराया जाएगा।