उत्तर प्रदेश
प्रदेश के 10 ज़िलों में बनेंगे भव्य, अत्याधुनिक न्यायालय
- 18 Nov 2022
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चर्चा में क्यों?
17 नवंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 10 ज़िलों में भव्य और अत्याधुनिक सुविधाओं वाले न्यायालय भवनों के निर्माण के लिये अधिकारियों को निर्देश दिया है।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा, औरैया, हापुड़, कौशांबी, महोबा, बहराइच, चंदौली, हाथरस सहित 10 ज़िलों में नए न्यायालय भवनों के निर्माण के लिये लोक निर्माण और नियोजन विभाग के अफसरों को 15 दिन के अंदर डिटेल प्रेजेंटेशन प्रस्तुत करने के लिये कहा है।
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि इन भवनों की डिज़ाइन न सिर्फ खूबसूरत हो, बल्कि इन्हें वर्टिकल आकार में बनाया जाए, जिससे भूमि की भी बचत हो। साथ ही, इन्हें आने वाले 25 से 30 साल बाद की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए निर्मित किया जाए।
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नए न्यायालय भवनों में न्यायाधीशों के लिये सुंदर, स्वच्छ और हवादार कमरों के साथ ही अधिवक्ताओं के लिये अच्छे चैंबर, बड़ी लाइब्रेरी, कैंटीन, पार्किंग और सेमिनार हॉल भी निर्मित किये जाएँ। निर्मित किये जाने वाले नए न्यायालय भवनों को सर्व सुविधायुक्त बनाकर इन्हें प्रदेश ही नहीं, देश में भी एक मॉडल के रूप में विकसित किया जाए।
- मुख्यमंत्री ने 10 ज़िलों में नए बनने वाले न्यायालय भवनों के साथ ही न्यायाधीशों और अन्य न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये आवासीय कॉलोनी के निर्माण के लिये भी अधिकारियों को निर्देशित किया है। सभी न्यायालयों और रजिस्ट्रार दफ्तरों को ई-ऑफिस के रूप में अपग्रेड करने के लिये भी कहा है।
- मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि देश के किसी भी न्यायालय भवन में कोई भी अच्छी व्यवस्था दिखती हो तो उसे भी आर्किटेक्चर में शामिल करें। खासकर के महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश के न्यायालय भवनों को ज़रूर देखें।
- उन्होंने नए न्यायालय भवनों के लिये तीन कैटेगरी बनाने के लिये कहा है, जिसमें 40-70 लाख की आबादी, 25-40 लाख की आबादी और 25 लाख से कम आबादी वाले ज़िलों के लिये अगले 25 साल की ज़रूरतों के हिसाब से न्यायालय भवनों की रूपरेखा तैयार की जाए।
- मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी न्यायालयों की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के निर्देश भी दिये हैं। उन्होंने सभी ज़िलों के ज़िलाधिकारी और पुलिस कप्तानों को ज़िला जज के साथ नियमित बैठक करने के भी निर्देश दिये हैं। ये बैठकें ज़िला जज की अध्यक्षता में होंगी और इसमें डीएम और एसपी अथवा एसएसपी का होना अनिवार्य है।