मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2019 में संशोधन | 16 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
15 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रिपरिषद ने औद्योगिक नीति निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीन विकसित/विकासाधीन एवं अविकसित भूमि के उचित एवं कुशल प्रबंधन के लिये नवीन मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2019 संशोधित करने का निर्णय लिया।
प्रमुख बिंदु
- इसमें कंडिका 12(ii) स में औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि/भवन का आवंटन पारदर्शी एवं निष्पक्ष रूप से होने के साथ ही राजस्व में बढ़ोत्तरी हो, इसके लिये ‘प्रथम आओ प्रथम पाओ’ के स्थान पर ‘ई-बिडिंग’ प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है।
- कंडिका 12(ii) (द), कंडिका 13(ii) कंडिका 13(III), कंडिका 13(अ) मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अधिसूचित सेवा के अनुसार आशय-पत्र, आवंटन आदेश, पट्टाभिलेख निष्पादन, आधिपत्य आदि की समय-सीमा में संशोधन किया गया है।
- कंडिका 13(vii) चिह्नित औद्योगिक क्षेत्रों में रिक्त भू-खंड के लिये किश्तों में भुगतान करने हेतु प्रावधान किया गया है।
- कंडिका 19(ब) (II) हस्तांतरण प्रकरणों में 25 प्रतिशत निवेश राशि के साथ न्यूनतम राशि 50 करोड़ रुपए के विकल्प को शामिल किया गया एवं प्रस्तावित परियोजना में किये गए निवेश की स्थिति अनुसार पृथक्-पृथक् हस्तांतरण शुल्क का प्रावधान किया गया है।
- कंडिका 20 को पुनरीक्षित करते हुए कंडिका 20(अ) एवं 20(ब) किया गया है। कंडिका 20(अ) में कार्यरत् इकाइयों की अनुपयोगी भूमि के हस्तांतरण के लिये न्यूनतम क्षेत्रफल को 500 वर्गमीटर के स्थान पर 1000 वर्गमीटर एवं कंडिका 20(ब) में बंद इकाइयों की अनुपयोगी भूमि के विभाजन एवं हस्तांतरण के लिये प्रावधान किया गया है।
- कंडिका 24(अ) भू-खंड का समर्पण किये जाने की स्थिति में प्रत्याजी के साथ विकास शुल्क वापसी संबंधी प्रावधान को स्पष्ट करते हुए लघु उद्योग के प्रकरण में 6 वर्ष की समयावधि के बाद तथा मध्यम एवं बृहद् उद्योग के प्रकरण में 7 वर्ष के बाद परंतु 9 वर्ष के पूर्व समर्पण करने पश्चात् भी प्रब्याजी राशि वापस करने का प्रावधान किया गया है।
- कंडिका 34 उद्योग अनुषांगिक प्रयोजन के लिये भूमि आवंटन की अधिकारिता संचालक मंडल को प्रत्यायोजित की गई है।