राजस्थान
राज्य भू-जल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण का होगा गठन
- 16 Feb 2023
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चर्चा में क्यों?
15 फरवरी, 2023 को राजस्थान के भू-जल मंत्री डॉ. महेश जोशी ने विधानसभा में बताया कि राज्य में भू-जल दोहन के नियंत्रण के लिये राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही राज्य भू-जल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- भू-जल मंत्री डॉ. जोशी विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे।
- उन्होंने बताया कि राज्य में भू-जल के समुचित उपयोग तथा राज्य के औद्योगिक इकाइयों के सुविधा हेतु भू-जल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण के गठन की बजट घोषणा की पालना में विभाग द्वारा ड्राफ्ट बिल का प्रारूप तैयार किया जा चुका है। विधि विभाग से प्राप्त सुझावों का समावेश कर ड्राफ्ट बिल वित्त विभाग को अनुमोदन हेतु प्रेषित किया जा चुका है।
- उन्होंने कहा कि राज्य में भू-जल दोहन की स्थिति चिंताजनक है तथा राज्य में 151 प्रतिशत दोहन हो रहा है। वर्तमान में भू-जल दोहन के संबंध में कोई भी निर्णय राज्य सरकार केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण के दिशा निर्देशों के आधार पर ही करती है।
- इससे पहले भू-जल मंत्री ने विधायक राजेंद्र राठौड़ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि नीतिगत निर्णय की पालना में राज्य भू-जल विभाग प्रतिवर्ष नियमित रूप से सर्वे करता है तथा एक नियमित अंतराल के पश्चात् राज्य के भू-जल संसाधनो का आकलन किया जाता है।
- उन्होंने बताया कि इसी क्रम में केंद्रीय भू-जल बोर्ड व भू-जल विभाग द्वारा संयुक्त स्तर पर राज्य के भू-जल संसाधन की नवीनतम आकलन रिपोर्ट 2022 तैयार कर अंतरविभागीय राज्य स्तरीय कमेटी से अनुमोदन कराकर जारी कर दी गई है।
- डॉ. जोशी ने बताया कि वर्तमान में भू-जल आंकलन की नवीनतम रिपोर्ट 31 मार्च, 2022 के अनुसार राज्य के 295 ब्लॉक एवं सात शहरी क्षेत्रों में से 219 ब्लॉक को अतिदोहित श्रेणी, 22 संवेदनशील, 20 अर्द्धसंवेदनशील, 38 सुरक्षित में वर्गीकृत किया गया है। शेष 3 ब्लॉक में भू-जल लवणीय होने के कारण रिपोर्ट में इनका भू-जल आकलन नहीं किया गया है।
- उन्होंने सात शहरी क्षेत्र में सम्मिलित- अजमेर, जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, कोटा, उदयपुर एवं बीकानेर का विवरण भी सदन के पटल पर रखा।