उत्तराखंड
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में वेलनट मिशन शुरू करेगी राज्य सरकार
- 19 Oct 2023
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चर्चा में क्यों?
17 अक्तूबर, 2023 को उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि उच्च हिमालय क्षेत्रों में उद्यान विभाग के साथ मिलकर अखरोट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये वेलनट मिशन को शुरू किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि राज्य की आय में वानिकी क्षेत्र की हिस्सेदारी का प्रतिशत बढ़ाने के लिये कई कार्ययोजनाओं पर काम किया जा रहा है। मिशन वेलनट और नॉन टिंबर फॉरेस्ट प्रोडक्ट को बढ़ावा देना इसी रणनीति का हिस्सा है। इसमें जड़ी-बूटियों के उत्पादन को भी शामिल करने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।
- एक अनुमान के अनुसार, राज्य की आय में वानिकी क्षेत्र की हिस्सेदारी 2.5 से 3.5 प्रतिशत तक है, जबकि वानिकी क्षेत्र को राज्य की आर्थिकी का प्रमुख ग्रोथ ड्राइवर चिह्नित किया गया है।
- प्रदेश में वन संपदा को लोगों की आजीविका से जोड़ते हुए कई नए प्रयोग करने की तैयारी है। इसके तहत उच्च हिमालयी क्षेत्रों सहित मैदानी इलाकों के लिये अलग-अलग योजनाओं पर काम किया जा रहा है। इसके तहत अखरोट, बांस, बांज, सागोन, पापुलर जैसी प्रजातियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- वन मंत्री ने बताया कि लीसा बिक्री के नियमों में भी बदलाव की तैयारी की जा रही है। प्रदेश में लीसा बिक्री की ऑनलाइन व्यवस्था के तहत नीलामी की जाती है, स्थानीय लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाता है। इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री के स्तर से स्थानीय स्तर पर लीस ब्रिकी संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिये गए हैं।
- प्रदेश में यूकेलिप्टस प्रजाति के पुराने पेड़ों को काटने के लिये कार्ययोजना में शामिल करने के निर्देश शासन स्तर पर दिये गए हैं। इनके स्थान पर ज़रूरत के अनुसार नई प्रजाति के पौधे भी लगाए जा सकते हैं, जो नॉन टिंबर फॉरेस्ट प्रोडक्ट की श्रेणी में आते हों।
- गौरतलब है कि उत्तराखंड अखरोट उत्पादन में देश में जम्मू-कश्मीर के बाद दूसरे नंबर पर आता है। यहाँ अखरोट उत्पादन के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ हैं। इसके बावजूद बीते कुछ सालों में राज्य में इसका उत्पादन घटा है। राज्य में प्रति वर्ष करीब 18 से 20 हज़ार मीट्रिक टन अखरोट का उत्पादन होता है।
- नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, देहरादून, पौड़ी टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में इसके उत्पादन की अपार संभावनाएँ हैं। यही वजह है कि सरकार अब अखरोट उत्पादन को मिशन मोड में शुरू करने जा रही है।