बिहार के 5 लाख शिक्षकों को आवास देगी राज्य सरकार | 30 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
29 अक्तूबर, 2023 को बिहार सरकार द्वारा राज्य के 5 लाख शिक्षकों को आवास देने का निर्णय लिया गया है। हाल ही में बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से एक लाख 22 हज़ार शिक्षकों का रिजल्ट जारी किया गया था।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार ने उन शिक्षकों के अलावा पहले से कार्यरत् करीब 5 लाख शिक्षकों को आवास देने का निर्णय लिया है। स्कूल के पास में ही रहने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि विद्यालय पहुँचने में लेट न हो।
- बिहार सरकार द्वारा शिक्षकों के आवास के लिये ज़िला, अनुमंडल, प्रखंड और पंचायत के गाँव तक मकान को किराए पर लिया जाएगा। इसके साथ ही रियल एस्टेट कंपनी अगर मकान बनाकर देती है तो भी सरकार लेगी।
- शिक्षा विभाग ने इच्छुक मकान मालिकों एवं रियल एस्टेट कंपनियों से पूछा है कि कितने फ्लैट और मकान तत्काल उपलब्ध करा सकते हैं, साथ ही कितने अगले एक-दो सालों में अतिरिक्त बनवा सकते हैं। इसकी सूची वेबसाइट पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
- शिक्षा विभाग प्रत्येक वर्ष शिक्षकों के वेतन पर लगभग 33 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करता है। इसमें 8 प्रतिशत, यानी लगभग 2500 रुपए करोड़ आवास के लिये खर्च किये जाते हैं।
- शिक्षा विभाग के अनुसार आवास भत्ता की कटौती कर यह पैसा लीज़ पर लिये गए मकान और रियल एस्टेट कंपनियों को दिया जाएगा।
- शिक्षकों के दूरस्थ क्षेत्रों में आवास की सुविधा के लिये दो मॉडल पर शिक्षा विभाग कार्य कर रहा है, पहला मकान और बहुमंज़िला इमारत के मालिकों से प्रस्ताव मांगा गया है कि वह कितने मकान किस ज़िले में, किस प्रखंड और ग्राम पंचायत में उपलब्ध करा सकते हैं, जो पहले से बने हुए हैं। शिक्षा विभाग उसे किराए पर तुरंत ले सकता है।
- दूसरा-रियल एस्टेट कंपनियों या अन्य इच्छुक ज़मीन मालिकों से ज़िला, अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालय में बहुमंज़िला इमारत एवं भवन निर्माण करने के लिये प्रस्ताव मांगा गया है। यहाँ केवल विभाग के शिक्षक रहेंगे। इन इमारतों को निजी कंपनियाँ अपने खर्चे पर बनाएंगी। शिक्षा विभाग उन्हें लंबे समय के लिये लीज़ पर लेगा और हर महीने किराया भुगतान करेगा।