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राजस्थान

प्रदेश की पहली हस्तशिल्प नीति और राजस्थान एमएसएमई नीति-2022 हुई जारी

  • 19 Sep 2022
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

17 सितंबर, 2022 को राजस्थान की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने प्रदेश की पहली हस्तशिल्प नीति और राजस्थान एमएसएमई नीति-2022 जारी की। इससे न केवल प्रदेश में औद्योगिक विकास होगा, बल्कि शिल्पकार, दस्तकार और कारीगरों के रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्री शकुंतला रावत जयपुर में राजस्थान एमएसएमई दिवस के मौके पर आयोजित उद्योग रत्न एवं निर्यात पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रही थीं। वाणिज्य मंत्री ने इस अवसर पर राजस्थान की हस्तकलाओं पर तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘राजस्थानी कारीगरी’का विमोचन भी किया।
  • इस अवसर पर प्रदेश में निर्यात संवर्धन के प्रोत्साहन के लिये 29 निर्यातकों को निर्यात प्रोत्साहन अवार्ड्स और विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिये 13 उद्यमियों को उद्योग रत्न अवार्ड्स से भी सम्मानित किया गया।
  • इसके अलावा इन्वेस्ट राजस्थान समिट के लिये 29 उद्यमियों के साथ 14 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश एमओयू का भी आदान-प्रदान हुआ।
  • उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य की प्रथम हस्तशिल्प नीति लागू होने से टेक्सटाइल, मेटल एंड वुड, कारपेट, दरी, नमदा, सेरेमिक एवं क्लेआर्ट, पेन्टिंग, लेदर क्राफ्ट, ज्वैलरी आदि के दस्तकारों को लाभ होगा एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में आगामी 5 वर्षों में 50 हज़ार से अधिक नए रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे।
  • उन्होंने कहा कि राजस्थान हस्तशिल्प नीति-2022 का उद्देश्य हस्तशिल्पियों के उत्थान के लिये बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था, परंपरागत कलाओं एवं विलुप्त होती कलाओं को पुनर्जिवित करना और रोज़गार के नए अवसर सृजित करना है।
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