राज्य मंत्रिपरिषद ने समग्र आबकारी नीति 2022-23 और हेरीटेज मदिरा नीति 2022 का अनुमोदन किया | 19 Jan 2022
चर्चा में क्यों?
18 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद ने समग्र आबकारी नीति 2022-23 और हेरीटेज मदिरा नीति 2022 को अनुमोदन दे दिया है। इससे गैर-कानूनी एवं अमानक शराब निर्माण, परिवहन, भंडारण और विक्रय पर प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा।
प्रमुख बिंदु
- नई आबकारी व्यवस्था के तहत निम्नलिखित उपबंध किये गए हैं-
- मदिरा की फुटकर विक्रय दरों में लगभग 20 प्रतिशत की कमी लाकर व्यावहारिक स्तर पर लाया जा सकेगा।
- सभी ज़िलों की देशी/विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन छोटे एकल समूहों के अनुरूप किया जा सकेगा।
- समस्त मदिरा दुकानें कंपोजिट शॅाप होंगी, जिससे अवैध मदिरा विक्रय की स्थितियाँ नहीं बनेंगी।
- कलेक्टर एवं ज़िलों के विधायकगण की उच्चस्तरीय ज़िला समिति को उनके ज़िले की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप मदिरा दुकानों के अनुरूप भौगोलिक दृष्टि से स्थान परिवर्तन का अधिकार होगा।
- प्रदेश के किसानों द्वारा उत्पादित अंगूर का उपयोग कर प्रदेश में बनी वाइन पर ड्यूटी नहीं होगी।
- देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था में प्रदेश के असवकों के मध्य ज़िलेवार निविदा बुलाई जा सकेगी। इस साल टेट्रा पैकिंग की दर भी बुलाई जा सकेगी।
- राजस्व की क्षति रोकने के लिये ई-आबकारी व्यवस्था लागू होगी। इसमें मदिरा का ट्रैक एंड ट्रेस, क्यूआर कोड स्कैनिंग, वैधता का परीक्षण आसान होगा।
- हेरिटेज मदिरा नीति के तहत निम्नलिखित उपबंध किये गए हैं-
- महुआ फूल से बनी मदिरा की पायलट परियोजना की अनुमति दी गई है। इसके बाद इसे मंत्रिमंडल की उप समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
- वर्ष 2022-23 में नए बार लाइसेंस की स्वीकृति शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप कलेक्टर स्तर से ही की जाएगी।
- पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्थलों पर इको टूरिज्म बोर्ड द्वारा संचालित इकाइयों, पर्यटन विकास निगम की अस्थाई स्वरूप की इकाइयों को रियायती दरों, सरल प्रक्रियाओं/मापदंडों के आधार पर बार लाइसेंस दिये जा सकेंगे।
- सभी एयरपोर्ट पर विदेशी मदिरा विक्रय काउंटर खोला जा सकेगा।
- इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में चयनित सुपर मार्केट में फिक्स लाइसेंस फीस पर वाइन विक्रय के काउंटर संचालित करने के लिये लाइसेंस जारी किये जा सकेंगे।
- इंदौर और भोपाल में माइक्रो बेवरेज खोलने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन पर्यावरण, विद्युत विभागों और नगर निगम का अनापत्ति प्रमाण-पत्र जरूरी होगा।
- मदिरा आयात की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकेगा।
- होम बार लाइसेंस दिया जा सकेगा, जिसके लिये 50 हज़ार रुपए वार्षिक लाइसेंस फीस होगी। इसकी पात्रता उन्हीं को होगी, जिनकी सकल व्यक्तिगत आय न्यूनतम एक करोड़ रुपए हो।