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राजस्थान

अमृता देवी के नाम से होगा राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड का नाम

  • 28 Aug 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

26 अगस्त, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य वन्यजीव मंडल की 14वीं बैठक को संबोधित करते हुए राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड का नाम अमृता देवी के नाम से करने की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में वन एवं वन्यजीव संरक्षण को लेकर सराहनीय फैसले लिये जा रहे हैं। राज्य सरकार की नीतियों से आज प्रदेश में बाघों की संख्या 100 से अधिक हो चुकी है।
  • उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा 2022 में जारी की गई समीक्षा रिपोर्ट में रणथंभौर एवं सरिस्का टाइगर रिज़र्व की रेटिंग बेहतर हुई है। राज्य के कुल 29 कंजर्वेशन रिज़र्व में से 16 वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बनाए गए हैं।
  • उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, प्रोजेक्ट टाईगर आदि के माध्यम से देश में पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन दिया। प्रोजेक्ट टाईगर में जोधपुर के कैलाश सांखला को पहला प्रोजेक्ट निदेशक नियुक्त किया गया।
  • पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस दिशा में एन्वायरनमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट, गंगा एक्शन प्लान एवं वेस्टलैंड डेवलपमेंट बोर्ड जैसे नवाचार किये। पूर्ववर्ती केंद्र सरकार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट लेकर आई। इसी क्रम में राज्य सरकार भी राज्य के वन एवं वन्य जीवों को संरक्षित करने का कार्य कर रही है।
  • उन्होंने कहा कि राज्य के 6 टाईगर रिज़र्व में से 3 वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बनाए गए हैं। प्रदेश में 10 हज़ार हेक्टेयर से अधिक का ग्रासलैंड विकसित किया जा रहा है। विभिन्न टाईगर रिज़र्व से 741 परिवारों का पुनर्वास किया गया है, जिससे मैन-वाइल्ड टकराव में कमी आई है।
  • ‘प्रोजेक्ट गोडावण’ के तहत इन्क्यूबेशन सेंटर में आर्टिफिशियल हेचिंग से गोडावण के अंडों से निकले बच्चों की दूसरी पीढ़ी के बच्चे भी हो चुके हैं।
  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड का नाम अमृता देवी के नाम से करने की घोषणा करते हुए कहा कि अमृता देवी का बलिदान सभी को पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा देता है।
  • बैठक में बताया गया कि प्रदेश में सोलर पंप लगाकर वनों में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था, वन्यजीवों हेतु कॉरिडोर्स के निर्माण, 18 नए संरक्षित क्षेत्रों का गठन, विशेष बाघ संरक्षण बल की स्थापना जैसे निर्णय लिये गए हैं। 2018 की तुलना में संरक्षित क्षेत्रों का क्षेत्रफल 11243 वर्ग किमी. से बढ़कर 13595 वर्ग किमी. हो गया है।
  • बैठक में बताया गया कि मुकुंदरा, सरिस्का व रणथंभौर बाघ आरक्षित के कोर एवं बफर क्षेत्र के विस्तार हेतु राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण से स्वीकृतियाँ प्राप्त की गई है। साथ ही कुंभलगढ़ टाईगर रिज़र्व के लिये सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।
  • वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल ने कहा कि गत कुछ महीनों में राज्य सरकार द्वारा 53 वेटलैंड नोटिफाई किये गए हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) मुनेश कुमार गर्ग ने कहा कि वन विभाग को आवंटित बजट में अभूतपूर्व बढोतरी की गई है, जिससे ग्रासलैंड, वेटलैंड इत्यादि नवीन क्षेत्रों में काम किया जा रहा है।
  • मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न अभयारण्यों में फिजिबिलिटी एनालिसिस करके विभिन्न प्रजातियों का ट्रांसलोकेशन किया जा रहा है। अनुभवी पशु चिकित्सकों द्वारा इनकी पॉपुलेशन ग्रोथ की मॉनिटरिंग की जा रही है। भेड़ियों के संरक्षण-प्रजनन में राज्य देश में अग्रणी है।

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