अनुसूचित जाति, जनजाति व ओबीसी आरक्षण संबंधी स्थायी समिति | 29 Jul 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों व अन्य पिछड़े वर्गों के लिये स्थायी आरक्षण समिति का गठन किया है।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों व अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण) अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के तहत इस समिति का गठन किया गया है।
- राज्य के आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम की अध्यक्षता में गठित आठ सदस्यीय इस स्थायी समिति में पाँच विधायक और सामान्य प्रशासन विभाग व आदिम जाति विकास विभाग के सचिव शामिल हैं।
- समिति का मुख्य कार्य अधिनियम व उसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों के कार्यान्वयन का पुनर्विलोकन करना है।
- इसके अलावा यह समिति अधिनियम व उसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों के कार्यान्वयन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के उपायों पर सुझाव भी देगी।
- अधिनियम के प्रावधानों के तहत स्थायी समिति का कार्यकाल दो वर्ष होगा।
- गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 4 सितंबर, 2019 को अध्यादेश के माध्यम से प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत तथा आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था, जिसे हाईकोर्ट ने स्थगित करते हुए क्वांटिफिएबल डाटा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।