समग्र कल्याण के लिये आध्यात्मिक शिक्षा | 11 Mar 2025

चर्चा में क्यों?

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ब्रह्माकुमारीज संस्था की स्वर्ण जयंती के अवसर पर हरियाणा के हिसार में ब्रह्माकुमारीज संस्था के राज्य स्तरीय अभियान 'समग्र कल्याण के लिये आध्यात्मिक शिक्षा' का शुभारंभ किया।

मुख्य बिंदु

  • आध्यात्मिकता एक एकीकृत शक्ति के रूप में:
    • राष्ट्रपति ने कहा कि आध्यात्मिकता मानव निर्मित सीमाओं से परे है और मानवता को एकजुट करती है।
    • उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आध्यात्मिकता पर आधारित प्रणालियाँ, चाहे सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक या राजनीतिक हों, नैतिक और स्थायी बनी रहती हैं।
  • व्यक्तिगत कल्याण पर प्रभाव:
    • जो व्यक्ति आध्यात्मिक चेतना बनाए रखता है,  वह आंतरिक शांति के साथ-साथ बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का अनुभव करता है।
    • आध्यात्मिक शांति न केवल व्यक्ति को लाभ पहुँचाती है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा फैलाकर दूसरों के जीवन को भी समृद्ध बनाती है।
    • उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आध्यात्मिक शांति से अलगाव नहीं होना चाहिये, बल्कि इसका उपयोग एक मज़बूत, स्वस्थ और समृद्ध समाज और राष्ट्र के निर्माण के लिये किया जाना चाहिये।
  • ब्रह्मा कुमारीज़ का योगदान:
    • उन्होंने सामाजिक और राष्ट्रीय कल्याण के लिये आध्यात्मिक ऊर्जा का उपयोग करने के लिये ब्रह्माकुमारीज़ की सराहना की।
    • संगठन नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई,  महिला सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण जैसी प्रमुख पहलों में सक्रिय रूप से योगदान देता है।
    • उनके प्रयासों में विश्वास व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी परिवार समग्र कल्याण को बढ़ावा देने तथा आध्यात्मिकता के माध्यम से देश के समग्र विकास में सहयोग देने का कार्य जारी रखेगा।