झारखंड
‘स्पेक्ट्रल एन्हांसमेंट’ (एसपीई)
- 06 Sep 2021
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने ‘स्पेक्ट्रल एन्हांसमेंट’ (एसपीई) नामक एक सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है, जो कोयला अन्वेषण प्रक्रिया के दौरान भूकंपीय सर्वेक्षण का उपयोग करके पृथ्वी की क्रस्ट के नीचे पतले कोयले की परतों की पहचान करने और कोयला संसाधनों के आकलन में सुधार करने में मदद करेगा।
प्रमुख बिंदु
- सीआईएल के अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) शाखा सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) ने गुजरात एनर्जी रिसर्च एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (जीईआरएमआई) के सहयोग से अपनी तरह का यह पहला सॉफ्टवेयर विकसित किया है।
- कोयला संसाधन अन्वेषण के लिये वर्तमान भूकंपीय सर्वेक्षण तकनीकों में पृथ्वी के नीचे पतले कोयले की परतों की पहचान करने की सीमाएँ हैं। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से अब भूकंपीय संकेतों के समाधान को बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे कोयले की सबसे पतली परत का चित्रण होता है।
- यह ‘मेड इन इंडिया’ सॉफ्टवेयर कोयले की खोज़ के समय और लागत को बचाने में भी मदद करेगा, जिससे कोयला उत्पादन में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के मिशन को बढ़ावा मिलेगा।
- गौरतलब है कि भारत के कुल कोयला उत्पादन में सीआईएल की हिस्सेदारी 80 फीसदी है।