मध्य प्रदेश में विशिष्ट नस्ल की गायें | 22 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से आंध्र प्रदेश से लाई गई एक जोड़ी पुंगनूर गायों का स्वागत किया।
मुख्य बिंदु:
- पुंगनूर गाय आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले की मूल और वामन मवेशी नस्ल है। यह विश्व की कूबड़ वाली मवेशियों की सबसे छोटी नस्लों में से एक है।
- यह नस्ल अनावृष्टि के प्रति उच्च आघातसह है और यह कम गुणवत्ता वाले चारे पर भी अनुकूलित हो सकता है।
- इस नस्ल की गायों का दूध भी बहुमूल्य है, जिसमें उच्च वसा मात्रा होती है, जो इसे घी के उत्पादन के लिये आदर्श बनाती है।
- एक पुंगनूर गाय प्रतिदिन लगभग 1 से 3 लीटर दूध दे सकती है और दूध में वसा की मात्रा 8% होती है, जबकि अन्य देशी नस्लों में यह 3 से 4% होती है।
- इनका दूध ओमेगा फैटी एसिड, कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्त्वों से भी भरपूर होता है।
- इसका माथा चौड़ा और सींग छोटे होते हैं। सींग अर्द्धचंद्राकार होते हैं जो प्रायः नर मवेशी में पीछे व आगे की ओर मुड़े होते हैं और मादा मवेशी में पार्श्व व आगे की ओर मुड़े होते हैं।
- पुंगनूर गायों को पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है, उन्हें संकर नस्लों की तुलना में कम जल, चारा और स्थान की आवश्यकता होती है।
- आंध्र प्रदेश के कई मंदिर, जिनमें प्रसिद्ध तिरुपति तिरुमाला मंदिर भी शामिल है, में क्षीर अभिषेकम (भगवान को दूध चढ़ाना) के लिये पुंगनूर गाय के दूध का प्रयोग किया जाता है।