सोरों सुकर क्षेत्र तीर्थस्थल घोषित | 29 Oct 2021
चर्चा में क्यों?
28 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कासगंज ज़िले के पवित्र सोरों सुकर क्षेत्र को तीर्थस्थल घोषित किया।
प्रमुख बिंदु
- लंबे समय से साधु-संतों और विभिन्न संगठनों की सोरों सुकर को तीर्थस्थल घोषित किये जाने की मांग को देखते हुए इसे तीर्थस्थल घोषित किया गया है।
- इस प्राचीन और पवित्र तीर्थस्थल को तीर्थ के रूप में संरक्षित करने से इसके अंतर्गत आने वाले कई छोटे मंदिरों का जीर्णोद्धार करना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही चक्रतीर्थ, योगतीर्थ, सूर्यतीर्थ, सोमतीर्थ और सकोटकतीर्थ को भी लाभ मिलेगा।
- सोरों सुकर क्षेत्र को तीर्थस्थल घोषित किये जाने से स्थानीय लोगों को विकास के अलावा रोज़गार के नए साधन भी उपलब्ध होंगे।
- राज्य सरकार के फैसले से तीर्थयात्रा की ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित किया जाएगा, इसका जीर्णोद्धार किया जाएगा और तीर्थयात्रियों के लिये बुनियादी सुविधाओं का विकास और घाटों का विकास किया जाएगा।
- सोरों सुकर क्षेत्र कासगंज के ब्रज क्षेत्र में स्थित है और विभिन्न पुराणों में इस क्षेत्र के महत्त्व का उल्लेख किया गया है। सोरों सुकर क्षेत्र को मोक्ष का तीर्थ भी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सोरों सुकर क्षेत्र भगवान विष्णु के तीसरे अवतार ‘वराह’ का निर्वाण स्थान है। सोरों सुकर क्षेत्र में कुंड (हरिपदी गंगा) वही स्थान है, जहाँ से भगवान वराह ने बैकुंठ लोक की ओर प्रस्थान किया था और तब से मृत्यु के बाद राख को इस कुंड में विसर्जित किया जाता है।