उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा हब | 05 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (UPNEDA) के अनुसार, उत्तर प्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में 1 लाख करोड़ रुपए के अनुमानित परिव्यय वाली 125 परियोजनाएँ हैं।
- ये परियोजनाएँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सौर और वैकल्पिक स्रोतों के माध्यम से राज्य की 40% ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।
मुख्य बिंदु:
- पहले चरण में बुंदेलखण्ड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में 35,000 करोड़ रुपए की चार बड़ी सौर परियोजनाएँ स्थापित की जाएंगी।
- वर्ष 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (GIS) में राज्य सरकार को 40 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे।
- 'अक्षय ऊर्जा' योजना के तहत सौर ऊर्जा और अन्य स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं का कुल निवेश में महत्त्वपूर्ण हिस्सा था।
- राज्य वर्तमान में लगभग 2152 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करता है, जिसमें से 372 मेगावाट तक स्वतंत्र रूप से पहुँच है।
- बुंदेलखण्ड क्षेत्र में सबसे अधिक संख्या में सौर संयंत्र लगे हैं, जो राज्य में उत्पादित कुल सौर ऊर्जा का लगभग 60% है।
- राज्य का सौर ऊर्जा उत्पादन, जो वर्ष 2017 में 279 मेगावाट के करीब था, पिछले छह वर्षों में कई गुना वृद्धि देखी गई है, जिसमें राज्य सरकार की नई सौर नीति के तहत दिये गए प्रोत्साहन, छूट, रियायतें और पदोन्नति शामिल हैं।
- मौजूदा निवेश पाइपलाइन के तहत, पूर्वी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में ग्रीनको ग्रुप द्वारा 17,000 करोड़ रुपए के अनुमानित परिव्यय पर 3660 मेगावाट विद्युत् उत्पन्न करने वाली ‘ऑफ-स्ट्रीम क्लोज़ लूप पंप स्टोरेज’ परियोजना की स्थापना की जाएगी।
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वी उत्तर प्रदेश के बखिरा पक्षी अभयारण्य में 50 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है।
- सोलर सिटी कार्यक्रम के अंतर्गत NTPC द्वारा अयोध्या में 165 एकड़ भूमि पर 40 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। परियोजना का एक हिस्सा पहले ही शुरू हो चुका है और शेष मार्च 2024 तक चालू होने की उम्मीद है।