राजस्थान में सौर ऊर्जा का केंद्र | 12 Jun 2024

चर्चा में क्यों?

राजस्थान के व्यापार एवं उद्योग संगठनों ने सरकार से राज्य को सौर पैनल विनिर्माण का केंद्र बनाने का आग्रह किया है।

  • राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत के शीर्ष राज्यों में से एक है।

मुख्य बिंदु:

  • राज्य की विद्युत ऊर्जा की मांग सालाना 8 से 10% बढ़ रही है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक कुल बिजली खपत का 43% सौर ऊर्जा से आए।
  • वर्ष 2023 में राज्य में 15,195.12 मेगावाट (Mw) की संयुक्त क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये गए।
  • राजस्थान व्यापार एवं उद्योग महासंघ (FORTI) के अनुसार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार को प्रदेश में सौर पैनल निर्माण को बढ़ावा देना चाहिये।

सौर पैनल

  • सौर फोटोवोल्टिक (PV) प्रौद्योगिकी फोटोवोल्टिक प्रभाव के माध्यम से सूर्य के प्रकाश को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है।
    • "फोटोवोल्टिक्स" शब्द प्रकाश (फोटॉन) को विद्युत (वोल्टेज) में रूपान्तरित करने से लिया गया है, जिसे फोटोवोल्टिक प्रभाव के नाम से जाना जाता है।
  • PV सेल सिलिकॉन जैसे अर्द्धचालक पदार्थों से बने होते हैं। जब सूर्य की रोशनी सेल पर पड़ती है तो इलेक्ट्रॉन परमाणुओं से अलग हो जाते हैं, जिससे विद्युत ऊर्जा का उत्पादन होता है।
  • ग्रिड से जुड़ी प्रणालियाँ अतिरिक्त विद्युत ऊर्जा को वापस ग्रिड में भेजती हैं।
  • कई क्षेत्रों में विद्युत ग्रिड को शक्ति प्रदान करने के लिये बड़े पैमाने पर फोटोवोल्टिक प्रणालियाँ स्थापित की जा रही हैं।
  • विधियाँ:  PV प्रणालियों के तहत छोटी छतों पर सौर ऊर्जा स्थापित करने वाली इकाइयाँ, सौर पंप, ऑफ-ग्रिड प्रकाश प्रणालियाँ और बड़े उपयोगिता-स्तरीय सौर ऊर्जा संयंत्र होते हैं।
  • लागत-प्रभावी: PV प्रणालियों की लागत में प्रभावी रूप से गिरावट आई है, जिससे सौर ऊर्जा लागत-प्रतिस्पर्द्धी हो गई है।
  • मौसमरोधी पैनलों और स्थायी पार्ट-पूर्जों के कारण PV प्रणालियों को न्यूनतम रखरखाव की आवश्यकता होती है तथा इनका जीवनकाल लंबा होता है।
  • त्रुटि: सौर PV उत्पादन धूप वाले मौसम पर निर्भर करता है और विद्युत ऊर्जा की वोल्टता पूरे दिन बदलती रहती है।