SJVN ने IIT पटना के साथ साझेदारी की | 04 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में SJVN लिमिटेड ने अपनी सुरंग परियोजनाओं में उन्नत भूवैज्ञानिक मॉडल का उपयोग करने के लिये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- पटना (IIT पटना) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं। इससे समय और लागत में काफी कमी आएगी।
मुख्य बिंदु:
- इस साझेदारी के प्रमुख परिणामों में से एक प्रीडिक्टिव एनालिटिक्स एल्गोरिदम्स का विकास होगा।
- ये एल्गोरिदम एकीकृत भू-तकनीकी डेटा का लाभ उठाकर संभावित जोखिमों का पहले से अनुमान लगाएंगे और विशेष रूप से सुरंग परियोजनाओं के लिये तैयार की गई प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली प्रदान करेंगे।
- इस तरह के सक्रिय उपायों से परियोजना कार्यान्वयन के दौरान समय और लागत में काफी कमी होने की आशा है।
- MoU की प्राथमिकता अत्याधुनिक कार्यप्रणाली विकसित करना है जो विविध भू-तकनीकी डेटा स्रोतों को एकीकृत करती है।
- इनमें SJVN की परियोजनाओं से संबंधित भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, बोरहोल डेटा, भूभौतिकीय माप और निगरानी डेटा शामिल होंगे।
- इस सहभागिता का उद्देश्य ओवरबर्डन व डिफोर्मेशन (विरूपण) के बीच जटिल संबंधों का मूल्यांकन करना भी है, जिससे सुरंग परियोजनाओं के लिये महत्त्वपूर्ण समर्थन प्रणालियों के मूल्यांकन और डिज़ाइन को संवर्द्धित किया जा सके।
- एकीकृत भू-तकनीकी डेटा और 3D भूवैज्ञानिक मॉडल का उपयोग करके, SJVN तथा IIT- पटना का लक्ष्य संभावित जोखिमों व खतरों की पहचान करना एवं उनका विश्लेषण करना है।
सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN लिमिटेड)
- यह एक भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है जो जलविद्युत ऊर्जा उत्पादन और ट्रांसमिशन में शामिल है।
- इसे वर्ष 1988 में नाथपा झाकड़ी पावर कॉर्पोरेशन के रूप में शामिल किया गया था, जो भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम था।