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राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 : बिहार में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार

  • 26 Nov 2021
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

24 नवंबर, 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा जारी राष्ट्रीय पारिवारिक सर्वेक्षण-5 के अनुसार बिहार के लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यह 2015-16 के सर्वेक्षण (NHFS-4) के 1062 से बढ़कर 1090 हो गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • बिहार में लिंगानुपात (प्रति हज़ार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या) बढ़कर 1090 हो गया है, जो पिछले सर्वेक्षण (NFHS-4 2016-16) में 1062 था।
  • बिहार के शहरी क्षेत्रों का लिंगानुपात जहाँ केवल 982 है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों का लिंगानुपात 1111 है।
  • सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार के 15-49 आयु वर्ग की महिलाओं में साक्षरता दर केवल 55 प्रतिशत है, जो चिंता का कारण बना हुआ है।
  • बिहार में शिशु मृत्यु दर पिछले सर्वेक्षण के 48.1 से घटकर 46.8 (प्रति हज़ार) हो गया है।
  • बिहार में परिवार नियोजन के मामले में जबरदस्त सुधार हुआ है। NFHS-4 के अनुसार बिहार के 15-49 वर्ष आयु श्रेणी की महिलाओं में केवल 24.1 प्रतिशत महिलाओं ने परिवार नियोजन किया था, जो NFHS-5 में बढ़कर 55.8 प्रतिशत हो गया है।
  • वहीं बिहार के 15-49 वर्ष की 63.5 प्रतिशत महिलाएँ एनिमिया की शिकार हैं, जो पिछले सर्वेक्षण में 60.3 प्रतिशत थी।
  • बिहार में कुल प्रजनन दर भी पिछले सर्वेक्षण के 3.4 से घटकर 3.0 (बच्चे/स्त्री) हो गई है।
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