बेगम बिलकिस का मकबरा वक्फ की संपत्ति नहीं | 31 Jul 2024
चर्चा में क्यों
हाल ही में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि बुरहानपुर में स्थित मुगल बादशाह शाहजहाँ की पुत्र वधु बेगम बिलकिस का मकबरा सहित तीन प्राचीन स्मारक वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं हैं।
मुख्य बिंदु
- भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) का तर्क: ASI ने तर्क दिया कि शाह शुजा स्मारक, नादिर शाह का मकबरा और बीबी साहिबा की मस्जिद, प्राचीन संस्मारक परिरक्षण अधिनियम, 1904 के तहत प्राचीन एवं संरक्षित स्मारक हैं।
- न्यायालय की टिप्पणी:
- न्यायमूर्ति जी.एस. अहलूवालिया ने कहा कि ये सभी संपत्तियाँ प्राचीन और संरक्षित स्मारक हैं तथा मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के CEO द्वारा इन्हें वक्फ संपत्ति घोषित किया जाना भौतिक अवैधता है।
- ASI ने प्रस्तुत किया कि प्राचीन संस्मारक परिरक्षण अधिनियम, 1904 की धारा 11 के अनुसार, आयुक्त स्मारक का संरक्षक होगा और ऐसे स्मारक के अनुरक्षण के उद्देश्य हेतु उसे स्वयं तथा उसके अभिकर्त्ता द्वारा सभी उचित समयों पर स्मारक तक पहुँच प्राप्त होगी।
- “जब तक कि प्राचीन संस्मारक परिरक्षण अधिनियम, 1904 की धारा 14 के तहत संरक्षकता वापस नहीं ले ली जाती, तब तक इसे वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता है।”
- स्मारकों का विवरण:
- शाह शुजा स्मारक:
- शाह शुजा स्मारक में मुगल बादशाह शाहजहाँ के पुत्र शाह शुजा की पत्नी बेगम बिलकिस का मकबरा है।
- बेगम बिलकिस की मौत बेटी को जन्म देते समय हुई थी जिसके बाद बेगम को बुरहानपुर में दफनाया गया था
- खरबूजा महल के नाम से भी जाना जाने वाला यह मकबरा “एक भव्य गुंबद से सुसज्जित है।” इसका आधार एक उभरा हुआ वृत्ताकार चबूतरा है और यह पत्थर से बना है एवं इसका शेल मोर्टार से प्लास्टर किया गया है व चित्रों से सुसज्जित है।”
- नादिर शाह का मकबरा:
- नादिर शाह का मकबरा एक “विशाल मकबरा है, जो एक उत्थित चबूतरे पर बना है” और इसमें आठ तोरणपथ हैं।” इस इमारत में तीन कब्रें हैं।
- बीबी साहिबा की मस्जिद
- बीबी साहिबा की मस्जिद जिसे बीबी की मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है, का निर्माण गुजरात के सुल्तान मुफ्फर शाह द्वितीय की बेटी रानी बेगम रोकैया द्वारा लगभग 1529 ई. में पूरा करवाया गया था।
- शाह शुजा स्मारक: