झारखंड
झारखंड में चाय की खेती के लिये हज़ारीबाग और गुमला का चयन
- 29 Nov 2022
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चर्चा में क्यों?
28 नवंबर, 2022 को डेमोटांड स्थित फॉर्म के प्रभारी सह राज्य के उप निदेशक उद्यान राजेंद्र किशोर ने बताया कि झारखंड में एक बार फिर चाय की खेती शुरू हो गई है। पहले चरण में इसके लिये राज्य के दो ज़िलों हजारीबाग और गुमला का चयन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- राजेंद्र किशोर ने बताया कि दोनों ज़िलों में कुल 65 एकड़ (हज़ारीबाग में 25 एकड़ और गुमला में 40 एकड़) में चाय की खेती की जाएगी। हज़ारीबाग स्थित कृषि विभाग के डेमोटांड फॉर्म में चाय का पौधा लगाने का काम शुरू हो गया है। गुमला में अभी प्लॉट तैयार नहीं होने के कारण वहाँ पौधा नहीं लग पाया है।
- उन्होंने बताया कि झारखंड में चाय की खेती की संभावना पर टी बोर्ड के सदस्यों ने अनुशंसा की है। टी बोर्ड की एक टीम ने इसी साल जून में राज्य के कई जिलों का भ्रमण किया था। टीम के सदस्यों ने पहले चरण के लिये हजारीबाग और गुमला को अनुकूल पाया है। वहाँ की मिट्टी और मौसम को चाय की खेती के अनुकूल बताया है। टी बोर्ड के सदस्य दोनों स्थानों पर लगाए जाने वाले टी गार्डेन को तकनीकी सहयोग भी देंगे।
- राजेंद्र किशोर के अनुसार तीन साल में पौधे की पत्ती तोड़ने के लायक तैयार हो जाएगी। पौधे की आयु करीब 50 साल होती है। पहले से भी डेमोटांड में दो एकड़ में चाय की खेती हो रही है। इसकी गुणवत्ता की जाँच भी टी-बोर्ड के सदस्यों ने की थी और क्वालिटी को अच्छ बताया था। डेमोटांड में कुल 25 एकड़ में चाय लगाने की तैयारी कर ली गई है।