बिहार के 10 ज़िलों में बनाए जाएंगे सीड हब | 12 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
11 अक्तूबर, 2023 को बिहार कृषि विभाग ने प्रदेश के 10 ज़िलों में सीड हब बनाए जाने की स्वीकृति दे दी। इन ज़िलों में गेहूँ, दलहन और तिलहन के बीज का उत्पादन होगा।
प्रमुख बिंदु
- पहले चरण में 3125 एकड़ में प्रमाणित बीज उत्पादन के लिये खेती कराई जाएगी। संबंधित ज़िले के सहायक निदेशक (शष्य) सीड हब के लिये गाँव या पंचायत का चयन करेंगे।
- चयनित गाँव के किसान या किसान समूह के ज़रिये यहाँ बीज उत्पादन का कार्य कृषि विभाग की देखरेख में होगा।
- विभाग ने इसके लिये किसानों को बीज पर 80 फीसदी अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा ज़रूरत पड़ने पर किसानों को तीन साल तक मदद (रिवाल्विंग फंड) की जाएगी। मदद के रूप में मिलने वाली राशि किसानों को लौटानी होगी।
- गौरतलब है कि चौथे कृषि रोड मैप में राज्य को बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसलिये अगले पाँच साल में 100 सीड हब बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें रबी मौसम में दस सीड हब बनाए जाएंगे।
- इसमें 683.75 क्व़िटल बीज बाँटे जाएंगे। इसके माध्यम से 16375 क्विंटल बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। अगले साल नए गाँव या पंचायत में सीड हब बनाए जाएंगे।
- ज़िलेवार फसलों का निर्धारण इस प्रकार किया गया है- गया में गेहूँ, चना और मूंग, वैशाली में गेहूँ मसूर और मूंग, भागलपुर में गेहूँ, राई, सरसों और मूंग, नालंदा में गेहूँ, मसूर और मूंग, बेगूसराय में गेहूँ और राई, समस्तीपुर में गेहूँ, मसूर और मूंग, पटना में गेहूँ, राई, सरसों और मूंग, नवादा में गेहूँ, मसूर और मूंग, दरभंगा में गेहूँ, मसूर और मूंग तथा पूर्णिया में गेहूँ, मसूर और मूंग का सीड हब बनेगा।
- गेहूँ के लिये सीड हब का रकबा न्यूनतम 125 एकड़ और दलहन-तिलहन के लिये 62.5 एकड़ होगा।