अब छत्तीसगढ़ में कृषि में गोमूत्र का होगा वैज्ञानिक उपयोग | 26 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
25 फरवरी, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के मुख्य सचिव को ऑर्गेनिक एवं रिजेनरेटिव खेती की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहे छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में गोमूत्र के वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित उपयोग की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को कृषि वैज्ञानिकों, गोमूत्र का रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के बदले उपयोग करने वाले कृषकों तथा कामधेनु विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से चर्चा कर गोमूत्र के वैज्ञानिक उपयोग की संभावनाओं के संबंध में कार्ययोजना तैयार कर दो सप्ताह में प्रस्तुत करने को कहा है।
- राज्य में वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट का खेती में बड़े पैमाने पर उपयोग एवं इसके सकारात्मक परिणामों को देखते हुए गोमूत्र को रासायनिक खादों एवं विषैले कीटनाशकों के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि रासायनिक खादों एवं विषैले कीटनाशकों के निरंतर प्रयोग से मिटेी की उर्वराशक्ति निरंतर कम होती जा रही है। खेती में रसायनों के अत्यधिक उपयोग से जन-सामान्य के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। राज्य के गोठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का उपयोग आरंभ करने के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं और छत्तीसगढ़ ऑर्गेनिक एवं रिजेनरेटिव खेती की ओर आगे बढ़ रहा है।
- इसी तरह कृषि में ज़हरीले रसायनों के उपयोग के विकल्प के रूप में ‘गोमूत्र’के उपयोग की अपार संभावनाएँ हैं। राज्य के ही कुछ स्थानों में गोमूत्र के सफलतापूर्वक उपयोग के उदाहरण मौजूद हैं।
- उन्होंने कहा कि गोमूत्र के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के पूर्व इस दिशा में अब तक देश में हुए शोध का संकलन भी किया जाना चाहिये।