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स्कूल ऑफ एक्सीलेंस

  • 31 Jul 2021
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

31 जुलाई, 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकारी स्कूलों को ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ में परिवर्तित कर राज्य के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया है।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री के विज़न के अनुसार लगभग पाँच हज़ार सरकारी स्कूलों को क्रमवार आधुनिक शिक्षा सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसका प्रारंभिक उद्देश्य 2022-23 शैक्षणिक सत्र की शुरुआत तक 80 ज़िलास्तर के उत्कृष्ट स्कूलों के लगभग दो लाख छात्रों को लाभ पहुँचाना  है। 
  • सरकार का लक्ष्य सत्र 2022-23 शुरू होने से पहले 80 ज़िलास्तरीय उत्कृष्ट स्कूलों, 2023-24 के सत्र से पहले 329 ब्लॉक स्कूलों और 2024-25 के सत्र से पहले 4,000 से अधिक पंचायत स्तर के स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाना है।
  • पहले चरण में राज्य के सभी ज़िलों के प्रस्तावित 80 स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (उत्कृष्ट स्कूल) में तब्दील किया जा रहा है।
  • इन स्कूलों का विकास निजी स्कूलों के मॉडल पर किया जा रहा है। ये सभी ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ विश्वस्तरीय शिक्षा प्रणाली से आच्छादित रहेंगे और निर्बाध बिज़ली आपूर्ति, स्वच्छ वातावरण और स्मार्ट बोर्ड जैसी अन्य सुविधाओं से सुसज्जित होंगे।
  • पूर्व में स्कूलों में साफ-सफाई और शौचालय की सुविधा नहीं होने के कारण लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर अधिक थी, जिसे दूर करने के लिये सरकार ने सभी स्कूल परिसरों को लड़कियों और लड़कों दोनों के लिये अलग-अलग शौचालय सुविधा बहाल करने करने की योजना बनाई है।
  • इन मॉडल स्कूलों में सीखने के परिणामों में सुधार के लिये एक समर्पित भाषा प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी और इसका उपयोग समीक्षा तंत्र उपकरण के रूप में भी किया जाएगा।
  • देश के प्रमुख संस्थानों की मदद से ‘उत्कृष्ट स्कूल’ में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
  • स्कूल ऑफ एक्सीलेंस प्री-प्राइमरी स्तर से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों की ज़रूरतों को पूरा करेगा। इस योजना से राज्यभर के लगभग 15 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे।
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