छत्तीसगढ़
स्कूल शिक्षा मंत्री ने 31 शिक्षकों को ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण’ पुरस्कार से किया सम्मानित
- 01 Feb 2023
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चर्चा में क्यों?
31 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने माध्यमिक शिक्षा मंडल परिसर स्थित संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा कार्यालय के सभागार में ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण’ योजना के अंतर्गत रायपुर संभाग के 31 शिक्षकों को सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- इनमें शिक्षा दूत सम्मान से 12 शिक्षक, ज्ञानदीप से 03 शिक्षक, शिक्षा श्री से 03 व्याख्याता, उत्कृष्ट प्राचार्य 05 और 08 उत्कृष्ट प्रधान पाठक सम्मानित हुए।
- मंत्री डॉ. टेकाम ने समारोह में विकासखंड स्तर पर कक्षा पहली से पाँचवी तक अध्यापन करने वाले शिक्षकों को शिक्षा दूत पुरस्कार में 5 हज़ार रुपए, ज़िला स्तर पूर्व माध्यमिक शाला के कक्षा छठवीं से आठवीं तक अध्यापन करने वालों शिक्षकों को ज्ञानदीप पुरस्कार में 7 हज़ार रुपए, संभाग स्तर पर कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक अध्यापन करने वाले शिक्षकों को शिक्षा श्री पुरस्कार में 10 हज़ार रुपए की सम्मान राशि के साथ ही प्रशस्ति-पत्र प्रदान किये।
- उन्होंने इसके साथ ही ज़िला अंतर्गत अपने विद्यालय में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्राचार्यों को 2 हज़ार रुपए, विकासखंड स्तर पर प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रधान पाठकों को एक-एक हज़ार रुपए की सम्मान राशि प्रदान की। सभी सम्मानित शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र, शॉल, श्रीफल से सम्मानित किया गया।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार प्रतिवर्ष विकासखंड, ज़िला और संभाग स्तर पर मुख्यमंत्री गौरव अंलकरण योजना के अंतर्गत शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाता है।
- विकासखंड स्तर पर शिक्षक दूत, ज़िला स्तर पर ज्ञानदीप और संभाग स्तर पर शिक्षा श्री सम्मान से ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण’योजना के तहत् शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
- यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले शिक्षकों को बच्चों के अध्ययन-अध्यापन के साथ कौशल विकास, बौद्धिक, शारीरिक एवं सामाजिक दायित्वों के प्रति उत्तरदायित्व के लिये प्रेरणादायक कार्य करने के लिये प्रदान किया जाता है।
- स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना जैसी महामारी की अवधि में शिक्षकों ने शिक्षा की ज्योति को जलाए रखा और बहुत सारे नवाचार किये। राज्य के शिक्षकों द्वारा उस दौरान किये नवाचारों का अनुकरण अन्य राज्यों ने भी किया।