छत्तीसगढ़
स्कूल शिक्षा विभाग को मिला एमबिलियंथ अवॉर्ड
- 09 Mar 2023
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चर्चा में क्यों?
6 मार्च, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में ‘निकलर ऐप’ द्वारा पढ़ाई कराने के लिये स्कूल शिक्षा विभाग को एमबिलियंथ पुरस्कार से नवाजा गया।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि साउथ एशिया में एमबिलियंथ अवॉर्ड मोबाइल के माध्यम से आम जनता तक तकनीकी का उपयोग कर जीवन सुगम बनाने की दिशा में किये जा रहे नवाचारों को सम्मानित करता है, जिसकी शुरुआत 2010 से की गई थी, सम्मान देने की यह 12वीं श्रृंखला है।
- छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग और एनआईसी ने भी शिक्षकों के आकलन संबंधी कार्य को आसान करने के लिये लंबी रिसर्च करते हुए निकलर ऐप का निर्माण किया है।
- इस टेक्नोलॉजी का उपयोग शिक्षकों के कार्यों को आसान करने हेतु किया जाता है। ऐप के उपयोग के लिये सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर में जाकर निकलर ऐप को डाउनलोड करना होता है।
- स्कूल के यू-डाइस के आधार पर पोर्टल से विद्यार्थियों के लिये क्यूआर कोड वाले कार्ड डाउनलोड कर उसे एक पुठ्ठे में चिपकाना पड़ता है। प्रत्येक विद्यार्थी के लिये इस प्रकार से एक यूनिक कार्ड उनके नाम से देना होता है। इसे आपस में बदलना नहीं चाहिये। यह उस बच्चे के नाम से उसके पास पूरे सत्र में रहना चाहिये।
- किसी टॉपिक को पढ़ाने के बाद प्रश्न पूछना हो तो निकलर ऐप में उस पाठ से संबंधित उपलब्ध प्रश्न निकालकर पूछ सकते हैं या फिर स्वयं अपने प्रश्न दे सकते हैं। पूछे जाने वाले प्रश्न के चार विकल्प होने चाहिये। बच्चों को सही विकल्प के आधार पर कैसे कार्ड को पकड़ना है, यह सिखाना होगा।
- निकलर ऐप का उपयोग कर बच्चों की उपस्थिति भी ली जा सकती है। इस ऐप के माध्यम से पूछे जाने वाले विभिन्न प्रश्नों के ऑडियो भी बनाकर प्रश्न पूछ सकते हैं। ऐप के उपयोग में कुछ भी दिक्कत आती है तो शिक्षकों के बीच से ही तकनीकी रूप से विशेषज्ञ शिक्षक उनके हेल्प वीडियो बनाकर सहायता करते हैं, जिससे कक्षा में इसको क्रियान्वित करना आसान हो गया है।
- समग्र शिक्षा की ओर से इस ऐप के उपयोग हेतु निरंतर आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इस वर्ष सभी स्कूलों को इंटरनेट के लिये बजट भी उपलब्ध करवाया गया है। शिक्षकों को निकलर ऐप के उपयोग के लिये प्रशिक्षित भी किया गया है।
- विदित है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 14 नवंबर, 2022 को लॉन्च किये गए सुघ्घर पढ़वैया कार्यक्रम में भी स्कूलों का आकलन निकलर ऐप के माध्यम से बहुत कम समय में किया जा सकेगा। इसके लिये भी शिक्षकों को तैयार किया जा रहा है।