इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


राजस्थान

ट्रांसमिशन लाइनों से प्रतिबंध हटाने पर विचार

  • 22 Mar 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान और गुजरात में उत्पादित सौर ऊर्जा के संचरण के लिये लाइनें स्थापित करने हेतु 67,000 वर्ग किमी. से अधिक क्षेत्र छोड़ने पर सहमति व्यक्त की, लेकिन कहा कि 13,000 वर्ग किमी. क्षेत्र को अबाधित रहना चाहिये क्योंकि यह लुप्तप्राय पक्षी, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का मुख्य निवास स्थान है।

मुख्य बिंदु:

  • 80,000 वर्ग किमी. क्षेत्र में सौर ऊर्जा संयंत्रों के प्रसारण के लिये ओवरहेड विद्युत केबलों पर प्रतिबंध लगाने का केंद्र सरकार का आदेश कार्यान्वयन योग्य नहीं है।
  • इसके अलावा कोयले से चलने वाले थर्मल पावर प्लांटों से उत्सर्जन को कम करने के लिये सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने और GIB को विलुप्त होने से बचाने हेतु हर संभव कदम उठाने के बीच संतुलन का सुझाव दिया गया।

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड

  • ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (अर्डीओटिस नाइग्रिसप्स), राजस्थान का राज्य पक्षी है और भारत का सबसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय पक्षी माना जाता है।
  • यह घास के मैदान की प्रमुख प्रजाति मानी जाती है, जो चरागाह पारिस्थितिकी का प्रतिनिधित्व करती है।
    • इसकी अधिकतम आबादी राजस्थान और गुजरात तक ही सीमित है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में यह प्रजाति कम संख्या में पाई जाती है।
  • खतरे:
    • विद्युत लाइनों से टकराव/इलेक्ट्रोक्यूशन, शिकार (अभी भी पाकिस्तान में प्रचलित), आवास का नुकसान और व्यापक कृषि विस्तार आदि के परिणामस्वरूप यह पक्षी खतरे में है।
  • सुरक्षा की स्थिति:
    • अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की रेड लिस्ट (IUCN): गंभीर रूप से संकटग्रस्त
    • वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES): परिशिष्ट-1
    • प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर अभिसमय (CMS): परिशिष्ट-I
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: 
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2