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उत्तराखंड

प्रदेश में पाँच ज़िलों में बनेंगे सगंध फसलों के सेटेलाइट केंद्र

  • 18 Apr 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

17 अप्रैल, 2023 को सगंध पौध केंद्र, सेलाकुई के निदेशक नृपेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश में सगंध फसलों की खेती को बढ़ावा देने और किसानों को तकनीकी जानकारी देने के लिये पाँच ज़िलों में सेटेलाइट केंद्र खोले जाएंगे।  

प्रमुख बिंदु  

  • एरोमा खेती करने वाले किसानों को घर द्वार पर सभी सुविधाएँ देने के लिये सगंध पौध केंद्र सेलाकुई की ओर से पाँच ज़िलों में सेटेलाइट केंद्र खोलने की योजना बनाई जा रही है। इससे किसानों को खेती की तकनीकी जानकारी के साथ ही बीज, पौध सेटेलाइट केंद्र पर भी उपलब्ध होंगे। 
  • इन केंद्रों के खुलने से पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों को बीज, पौध के अलावा सगंध खेती की जानकारी लेने के लिये देहरादून के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। 
  • अभी तक किसानों को सगंध खेती का प्रशिक्षण, बीज व पौध के लिये सगंध पौध केंद्र सेलाकुई आना पड़ता है। किसानों को ज़िला स्तर पर सुविधा देने के लिये सेटेलाइट केंद्र बनाए जाएंगे।  
  • चंपावत ज़िले के खतेड़ा में तेजपात, पिथौरागढ़ के बिसाड़ में तिमूर, उत्तरकाशी के रैथल में सुरई, चमोली के परसारी और अल्मोड़ा ज़िले के ताकुला में डेमस्क गुलाब का सेटेलाइट केंद्र खोला जाएगा। 
  • विदित है कि राज्य में लगभग आठ हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 21 हज़ार किसान सगंध फसलों की खेती कर रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों के सामने जंगली जानवरों, बंदरों और सिंचाई की सुविधा न होना एक बड़ी समस्या है। बाज़ार में सगंध पौध से तैयार होने वाले तेल और इत्र की बाज़ार में बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार किसानों को एरोमा खेती के लिये प्रोत्साहित कर रही है। 
  • गौरतलब है कि 22 फरवरी, 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सगंध पौध केंद्र, सेलाकुई में पूरी तरह से सगंध फसलों के लिये समर्पित पहले उत्कृष्टता केंद्र का लोकार्पण किया था।
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