लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



State PCS Current Affairs

छत्तीसगढ़

कबीरधाम ज़िले के सरोधा-दादर को राष्ट्रीय स्तर पर रजत श्रेणी में मिला सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार

  • 28 Sep 2023
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

  • 27 सितंबर, 2023 को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा इस वर्ष छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले के सरोधा-दादर गाँव को राष्ट्रीय स्तर पर रजत श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • सरोधा दादर को देश भर के 795 पर्यटन ग्रामों की प्रतियोगिता में विभिन्न मापदंडों के आधार पर सर्वश्रेष्ठ ग्राम के रूप में चुना गया है।
  • पर्यटन दिवस के अवसर पर नई दिल्ली भारत मंडपम् में आयोजित समारोह में सरोधा-दादर गाँव के मंगल सिंह धुर्वे ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कबीरधाम ज़िले में पर्यटन के विकास की संभावनाओं को विस्तार देने के लिये अलग-अलग प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रामीण पर्यटन ग्राम सरोदा-दादर के विकास के अध्ययन के लिये कलेक्टर जनमेजय महोबे, ज़िला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल द्वारा राज्य के अलग-अलग ज़िलों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले इन्फ्लूएंसर को आमंत्रित कर भ्रमण कराया गया था। साथ ही कबीरधाम ज़िले में ग्रामीण पर्यटन के विकास की संभावनाओं के अध्ययन से अवगत भी कराया गया था।
  • पुरस्कार के लिये सरोधा-दादर का चयन देश भर के 31 राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के 795 गाँवों में से किया गया है।
  • सरोधा-दादर को ग्रामीण पर्यटन के लिहाज से स्थानीय परिवेश और प्राकृतिक मूल्यों के साथ ही श्रेष्ठ गतिविधियों के कारण नौ विभिन्न खंडों में श्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर यह पुरस्कार दिया गया। इनमें प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों के संरक्षण, आर्थिक आत्मनिर्भरता, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सामाजिक आत्मनिर्भरता, अधोसंरचना तथा परिवहन संपर्क जैसे मापदंड शामिल थे।
  • पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरोधा-दादर की प्रविष्टि भेजने से पहले राज्य के भीतर ज़िले के अंदर ही प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें सात गाँवों को शामिल किया गया। इनमें से चौरा, डोंगरियाकला और सरोधा-दादर का चयन किया गया। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर तीन चरणों में स्पर्धा हुई।
  • आवेदन पत्र के साथ ही सरोधा-दादर पर केंद्रित पॉवरपॉइंट प्रस्तुति और वीडियो भी भेजा गया। इसके अलावा इस गाँव की विशेषताओं को प्रदर्शित करने वाले फोटोग्राफ भी भेजे गए।
  • अधिकारियों ने बताया कि सरोधा-दादर के आदिवासी परिवेश और ठेठ ग्रामीण वातावरण को सैलानियों के लिये आकर्षण का केंद्र मानते हुए इन्फ्लुएंसर मीट के अलावा, स्थानीय स्तर पर रोज़गार पैदा करने वाली पर्यटन संस्थाओं और एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी को भी विशेष रूप से प्रचारित किया गया।
  • साथ ही चिल्फी घाटी में प्रचलित हाथ से की गई कशीदाकारी और चित्रकारी का पर्याप्त प्रचार किया गया, जिसे स्पर्धा में विशेष महत्त्व मिला। इसी आधार पर सरोधा-दादर का चयन रजत वर्ग में देश के सर्वश्रेष्ठ ग्राम के रूप में संभव हुआ।
  • सरोधा-दादर को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार मिलने में यह तथ्य भी विशेष प्रभावी रहा कि यहाँ सैलानियों के लिये राज्य सरकार के प्रयासों में स्थानीय समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक संसाधनों के संरक्षण को विशेषरूप से रेखांकित किया गया। यहाँ पर्यटन के माध्यम से ग्रामीणों में क्षमता और ज्ञान का विकास भी किया जा रहा है।
  • गौरतलब है कि ज़िला मुख्यालय कवर्धा से करीब 50 किमी. और चिल्फीघाटी से 5 किमी. दूर स्थित सरोधा-दादर पर्वतों और घाटियों के बीच समुद्र तल से करीब 3 हज़ार फीट ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ आमतौर पर पूरे साल यहाँ पर्यटक आते रहते हैं। अक्तूबर माह से उनकी संख्या में बढ़ोतरी होने लगती है। ठंड के मौसम में यहाँ का तापमान कभी-कभी शून्य से नीचे भी चला जाता है।
  • यहाँ भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा इंग्लैंड, स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रेलिया से भी सैलानी आते हैं। खासतौर पर चिल्फीघाटी और सरोदा-दादर में प्रकृति का आनंद लेने के लिये यहाँ पर्यटकों की आवाजाही बहुत अधिक रहती है। सरोधा-दादर में प्रकृति के सुंदर नज़ारों के कारण ग्रामीण पर्यटन की बहुत अधिक संभावना है।
  • सरोधा-दादर और पीड़ाघाट के पास एक वाच-टावर भी बनाया गया है, जहाँ से सैलानी पर्वत और घाटी के सुंदर दृश्य का आनंद ले सकते हैं। कवर्धा ज़िले में मुख्यरूप से बैगा आदिवासी निवास करते हैं, इनकी पारंपरिक जीवन-शैली और संस्कृति सैलानियों को विशेषरूप से अपनी ओर आकर्षित करती है।
  • छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में और धार्मिक महत्त्व के स्थलों को खासतौर पर पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित कराया जा रहा है। इनमें ट्राइबल टूरिज्म सर्किट को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। इसके अलावा राज्य शासन ने भी ट्राइबल टूरिज्म सर्किट को प्राथमिकता के साथ पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2