गाँव में भी मिलेंगे साँची के उत्पाद | 29 Oct 2022
चर्चा में क्यों?
28 अक्टूबर, 2022 को मध्य प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन द्वारा साँची उत्पादों को प्रदेश के गाँव-गाँव तक पहुँचाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत उज्जैन दुग्ध संघ द्वारा ज़िले के पालखंदा और नरवर ग्राम में साँची उत्पाद के विक्रय केंद्र शुरू किये गये।
प्रमुख बिंदु
- इससे ग्रामीणों को साँची उत्पादों की सुविधा के साथ ही स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर भी मिलेंगे।
- मुख्य कार्यपालन अधिकारी उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ डॉ. सी.बी. सिंह ने बताया कि साँची ग्रामीण विक्रय केंद्रों की स्थापना सतत् रूप से जारी रहेगी। कोशिश की जाएगी कि दुग्ध संघ से संबंधित सभी दुग्ध सहकारी समितियों को ग्रामीण साँची विक्रय केंद्र पार्लर के रूप में विकसित किया जाए। इसके लिये सभी आवश्यक सुविधाएँ भी उन्हें उपलब्ध कराई जाएंगी।
- वर्ष 1980 में ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम के माध्यम से मध्य प्रदेश में सहकारी क्षेत्र में समन्वित डेयरी विकास की गतिविधियाँ संचालित करने के लिये मध्य प्रदेश सहकारी सोसायटीज अधिनियम 1960 के अंतर्गत मध्य प्रदेश दुग्ध महासंघ सहकारी मर्यादित (वर्तमान में एम.पी.स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिख) की स्थापना की गई।
- इसी के साथ आणंद प्रणाली पर त्रि-स्तरीय सहकारी संस्थाओं का गठन प्रारंभ हुआ। इसके अंतर्गत प्रथम स्तर पर लगभग 7000 ग्रामीण दुग्ध सहकारी समितियाँ, द्वितीय स्तर पर 6 सहकारी दुग्ध संघ, जिनके मुख्यालय भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर एवं सागर में हैं तथा राज्य स्तर पर एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (एमपीसीडीएफ) कार्यरत् हैं।