राजस्थान
संत धन्ना भगत जयंती
- 22 Apr 2025
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चर्चा में क्यों?
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने जयपुर ज़िले के फागी क्षेत्र की नोखा-नाड़ी स्थित संत धन्ना भगत जी की जन्मस्थली पर आयोजित जयंती महोत्सव में भाग लिया।
मुख्य बिंदु:
- धन्ना भगत के बारे में:
- वे एक रहस्यवादी कवि (जन्म 20 अप्रैल, 1415) और वैष्णव परंपरा के भक्त थे, जिनके भजन आदि ग्रंथ में संकलित हैं।
- वे कृष्ण भक्त थे और उन्होंने तपस्या के लिये अरावली की पहाड़ियों में एक गुफा को चुना, जहाँ आज भी धुंधलेश्वर महादेव मंदिर स्थित है।
- उनका मंदिर और गुरुद्वारा आज भी श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं, जहाँ हिंदू और सिख धर्म के लोग श्रद्धा से आते हैं।
- उन्होंने कोई अलग पंथ नहीं चलाया, परंतु उनकी जाति से जुड़े अनुयायी धनावंशी स्वामी कहलाए, जो राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के कई ज़िलों में फैले हुए हैं।
- जयंती महोत्सव के बारे में:
- इस अवसर पर उन्होंने संत की शिक्षाओं को आज के समय में भी प्रासंगिक बताते हुए राज्य सरकार की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक योजनाओं की घोषणा की।
- संत धन्ना भगत जी ने भक्ति मार्ग को अपनाकर मानव सेवा और कर्म की प्रधानता का संदेश दिया।
- उन्होंने जात-पात का विरोध कर समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने हेतु साहित्य और उपदेशों के माध्यम से योगदान दिया।
- धन्ना भगत जी को हिंदू और सिख समुदायों में समान श्रद्धा और सम्मान प्राप्त है।
- मुख्यमंत्री ने संत को सामाजिक समानता, आध्यात्मिक जागरूकता और सरल जीवन का प्रतीक बताया।
- राज्य सरकार की घोषणाएँ और पहल:
- पुजारियों के मानदेय में वृद्धि करते हुए उसे ₹7500 प्रति माह किया गया।
- मंदिरों में भोग की राशि ₹3000 प्रति माह तक बढ़ाई गई है।
- धार्मिक स्थलों के उन्नयन हेतु ₹101 करोड़ तथा देवस्थान विभाग के अधीन राज्य के बाहर स्थित मंदिरों के लिये ₹60 करोड़ के कार्य स्वीकृत किये गए हैं।
- वरिष्ठ नागरिकों की तीर्थ यात्रा योजना के तहत:
- 6000 वरिष्ठजनों को हवाई मार्ग से यात्रा करवाई जाएगी।
- 50,000 वरिष्ठजनों को AC ट्रेन से तीर्थ यात्रा कराई जाएगी।