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सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान - ‘असुरक्षित स्पर्श’पर जागरूकता का दूसरा चरण 28 अक्तूबर को

  • 26 Oct 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

25 अक्तूबर, 2023 को राजस्थान स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि प्रदेश के 65 हज़ार से अधिक सरकारी स्कूलों में ‘सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान’ (एसएसएसआर-सेफ स्कूल सेफ राजस्थान) अभियान के तहत ‘नो बैग डे’पर 28 अक्तूबर को असुरक्षित स्पर्श (गुड टच बैड टच) के बारे में जागरूकता का दूसरा चरण आयोजित होगा।

प्रमुख बिंदु

  • शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि इसके तहत एक ही दिन में एक निश्चित समयावधि (प्रात: 8 बजे से 12 बजे के दौरान) में सभी बच्चों को स्कूलों के स्तर पर तैयार किये गए मास्टर ट्रेनर्स विशेष प्रशिक्षण देंगे।
  • विशेष रूप से तैयार इस ट्रेनिंग मॉड्यूल के तहत बच्चों को बैड टच की स्थिति में चिल्लाते हुए ‘नो’ बोलकर उस स्थान या व्यक्ति से सावधानी के साथ दूर भागने (गो) और इसके बारे में बिना किसी डर या घबराहट के किसी बड़े या जिस पर उनको सबसे ज़्यादा भरोसा हो, को इसके बारे में बताने (टैल) की ‘नो-गो-टैल’ की थ्योरी सिखाई जाती है।
  • मनोवैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित अंतराल पर यदि तीन चरणों में बच्चों को इस संवेदनशील विषय पर प्रशिक्षित किया जाए तो ये स्थाई रूप से उनकी समझ और व्यवहार का हिस्सा बन जाता है।
  • वे ‘असुरक्षित स्पर्श’का सजगता और सतर्कता से सामना करते हुए खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। इसी उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा चरणबद्ध रूप से प्रशिक्षणों की रूपरेखा तैयार की गई है। इस माह दूसरे चरण के बाद नए साल में जनवरी माह में प्रशिक्षण का तीसरा चरण आयोजित होगा।
  • इस अभियान के पहले चरण में गत 26 अगस्त (शनिवार) को प्रदेश की 65 हज़ार 122 सरकारी स्कूलों में ‘नो बैग डे’की गतिविधि के तहत एक लाख से अधिक सेशंस में 58 लाख से अधिक बच्चों को ‘असुरक्षित स्पर्श’के बारे में जागरूक और प्रशिक्षित किया गया था।
  • शासन सचिव ने बताया कि विभाग की इस अभिनव पहल के तहत राज्य स्तर पर 1200 मास्टर ट्रेनर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इनके माध्यम से जिलों में आयोजित ट्रेनिंग सेशंस में संबंधित ज़िले के सभी स्कूलों से एक शिक्षक को ‘मास्टर ट्रेनर’बनाया गया है।
  • प्रथम चरण में स्कूलों के स्तर पर तैयार इन ‘मास्टर ट्रेनर्स’द्वारा अपने-अपने विद्यालयों में समस्त बच्चों को असुरक्षित स्पर्श (गुड टच बैड टच) की ट्रेनिंग दी गई थी। इसी तर्ज पर ‘नो बैग डे’के तहत आगामी 28 अक्तूबर को प्रदेश के 65 हज़ार से अधिक विद्यालयों में दूसरा चरण आयोजित होगा।

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