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झारखंड

आंजनधाम सहित चार स्थलों के विकास के लिये 6.50 करोड़ रुपए का प्रस्ताव

  • 05 Apr 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

2 अप्रैल, 2023 झारखंड के गुमला ज़िले के उपायुक्त सुशांत गौरव ने बताया कि ज़िला प्रशासन द्वारा गुमला ज़िले के चार प्राचीन धार्मिक स्थलों टांगीनाथ धाम, आंजनधाम तथा पर्यटन स्थलों-गोबरसिल्ली एवं नवरत्नगढ़ के समुचित विकास के लिये 6.50 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि पूर्व के समय में गुमला ज़िले के प्राचीन धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों पर प्रशासनिक स्तर पर सरकारी फंड से योजना बनाकर काम किया गया है, लेकिन अब ज़िला प्रशासन धार्मिक एवं पर्यटनों स्थलों के विकास के लिये फोकस करते हुए विकास का खाका तैयार कर काम कर रहा है। इस निमित ज़िला प्रशासन द्वारा गुमला ज़िले के चार प्राचीन धार्मिक स्थलों एवं पर्यटन स्थलों के समुचित विकास का खाका तैयार किया गया।
  • धार्मिक स्थल डुमरी प्रखंड का टांगीनाथ धाम, सदर प्रखंड के आंजनधाम तथा पर्यटन स्थल पालकोट का गोबरसिल्ली व सिसई प्रखंड के नवरत्न गढ़ के विकास के लिये योजना बनाकर इन स्थलों के सुंदरीकरण किया जाएगा।
  • नवरत्नगढ़ - यह सिसई प्रखंड में है तथा गुमला से 32 व राँची से 65 किमी. दूर है। यह नागवंशी राजाओं की धरोहर है। राजा दुर्जन शाह ने नवरत्नगढ़ की स्थापना की थी।
  • गोबरसिल्ली - पालकोट गुमला से 25, राँची से 100 व सिमडेगा ज़िला से 55 किमी. दूर है। यह प्रकृति की अदभुत बनावट है, इसे कुछ लोग झूलता पहाड़ भी कहते हैं। इस पहाड़ को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। यह संतुलन का अदभुत नज़ारा है।
  • आंजनधाम - आंजनधाम गुमला से 21 किमी. दूर है। गाँव से मुख्य मंदिर तक जाने के लिये भी सड़क बन गई है। कहा जाता है कि आंजन गाँव के घने जंगल व पहाड़ की चोटी पर माता अंजनी के गर्भ से बालक हनुमान का जन्म हुआ था।
  • टांगीनाथ धाम - यह डुमरी प्रखंड से 10 किमी., गुमला शहर से 75 किमी. व राँची से 175 किमी. दूर है। यह सातवीं व नौवीं शताब्दी का बना हुआ बताया जाता है। यह एक धार्मिक स्थल है, यहाँ एक त्रिशूल है, जो जमीन पर गड़ा है, जिस पर जंग नहीं लगता है।

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