राज्य में 7 बृहद् जलापूर्ति परियोजनाओं के लिये 21 हज़ार 613 करोड़ रुपए स्वीकृत | 09 Oct 2023
चर्चा में क्यों?
8 अक्तूबर, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में 7 बृहद् जलापूर्ति परियोजनाओं के लिये 21 हज़ार 613 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश सरकार राज्य में अंतिम व्यक्ति को पेयजल उपलब्ध करवाने एवं जल सुरक्षा से युक्त भविष्य का निर्माण करने के लिये महत्त्वपूर्ण निर्णय ले रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 7 बृहद् जलापूर्ति परियोजनाओं के लिये वित्तीय प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।
- प्रस्ताव के अनुसार, इन 7 पेयजल परियोजनाओं के द्वारा प्रदेश के 4,63,580 घरों में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन दिये जा सकेंगे।
- ‘कालीतीर परियोजना’के अंतर्गत 709.41 करोड़ रुपए की लागत से धौलपुर एवं भरतपुर ज़िलों के 470 गाँवों में चंबल नदी का पानी पहुँचाकर पेयजल कनेक्शन दिये जा सकेंगे। साथ ही, अलवर एवं भरतपुर ज़िलों के 1,237 गाँवों को 5374.15 करोड़ रुपए की लागत से बृहद् पेयजल परियोजना के तहत चंबल नदी के पानी के द्वारा पेयजल आपूर्ति की जा सकेगी।
- इसके अतिरिक्त 3990.08 करोड़ रुपए की लागत से करौली एवं सवाई माधोपुर ज़िलों के 1,426 गाँवों को बृहद् पेयजल परियोजना के तहत चंबल नदी के पानी से पेयजल आपूर्ति की जा सकेगी।
- जाखम बांध के द्वारा चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद एवं उदयपुर ज़िलों के 1,473 गाँवों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिये 3529.90 करोड़ रुपए का प्रावधान भी प्रस्ताव में किया गया है।
- इसके अलावा, इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल द्वारा फलौदी ज़िले के लोहावट एवं देंचू के 79 गाँवों एवं 325 ढाणियों को पेयजल उपलब्ध करवाने के लिये 229.73 करोड़ रुपए का प्रावधान प्रस्ताव में किया गया है।
- सीकर एवं झुंझुनूं ज़िलों के इंदिरा गांधी नहर परियोजना से अब तक नहीं जुड़े गाँवों को बृहद् जल परियोजना द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाने के लिये 7583.15 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- इसके अतिरिक्त इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत ‘जायल मातासुख परियोजना’में नागौर ज़िले के 123 गाँवों एवं 244 ढाणियों को पेयजल कनेक्शन देने के लिये 196.68 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
- इन बृहद् जलापूर्ति परियोजनाओं का क्रियान्वयन एवं वित्त पोषण राजस्थान वाटर सप्लाई एवं सीवरेज निगम द्वारा किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से प्रदेश के बृहद् भाग में आमजन को सुगमता से पेयजल उपलब्ध हो पाएगा। इससे भौगोलिक परिस्थितियों एवं अन्य कारणों के कारण पेयजल आपूर्ति की समस्याओं से ग्रसित क्षेत्रों में विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य संबंधी एवं अन्य समस्याओं का स्थायी समाधान हो सकेगा।