नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


छत्तीसगढ़

रोका-छेका अभियान

  • 11 Jul 2022
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ में खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिये प्रदेशव्यापी ‘रोका-छेका अभियान’ शुरू किया गया, जो 20 जुलाई तक चलेगा।

प्रमुख बिंदु

  • इस दौरान फसल को चराई से बचाने के लिये पशुओं को नियमित रूप से गोठान में लाने हेतु रोका-छेका अभियान के अंतर्गत मुनादी कराई जाएगी।
  • गोठानों में पशु चिकित्सा शिविर लगाकर पशुओं के स्वास्थ्य की जाँच, पशु नस्ल सुधार हेतु बधियाकरण, कृत्रिम गर्भधान एवं टीकाकरण किया जाएगा।
  • रोका-छेका राज्य की पुरानी परंपरा है। इसके माध्यम से पशुपालक अपने पशुओं को खुले में चराई के लिये नहीं छोड़ने का संकल्प लेते हैं, ताकि फसलों को नुकसान न पहुँचे। पशुओं को अपने घरों, बाड़ों और गोठानों में रखा जाता है तथा उनके चारे-पानी का प्रबंध करना होता है।
  • पशुओं का रोका-छेका का काम अब गाँव में गोठानों के बनने से आसान हो गया है। गोठानों में पशुओं की देखभाल और उनके चारे-पानी के प्रबंध का काम गोठान समितियाँ करने लगी हैं।
  • राज्य में पशुधन की बेहतर देखभाल के उद्देश्य से गाँव में गोठान बनाए जा रहे हैं। अब तक 10,624 गोठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 8,408 गोठान बनकर तैयार हो गए हैं। गोठानों में आने वाले पशुओं को सूखा चारा के साथ-साथ हरा चारा उपलब्ध कराने के लिये सभी गोठानों में चारागाह का विकास किया जा रहा है। राज्य के 1200 से अधिक गोठानों में हरे चारे का उत्पादन भी पशुओं के लिये किया जा रहा है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow